हेल्लो दोस्तों मेरा नाम परख है। मै दिल्ली में रहता हूँ। मै 36 साल का जवान मर्द हूँ। मै एक शादी सुदा इंसान हूँ। मेरी शादी को 8 साल हो चुके हैं। मेरी बीबी बहुत ही खूबसूरत है। उसकी उम्र भी लगभग मेरे बराबर की ही है। शादी के बाद मैं अपनी बीबी के साथ दिन में सुबह दोपहर शाम को सम्भोग कर लेता था। समझ लो मेरे लिए दवा लेने जैसा काम हो गया था। चूंकि मै अपने घर में ही जनरल स्टोर खोला हुआ था। तो सारा दिन वही बैठा रहता था। मेरा घर मोहल्ले के एक नुक्कड़ पर था। अच्छी खासी आमदनी होने की वजह से यही मेरा बिज़नस बन गया। मेरे दिन में कई बार बीबी से प्यार करने का मौका मिल जाता था। ग्राहक दोपहर के समय अक्सर कम ही आते थे। इसी तरह के प्यार मोहब्बत में दो लड़के भी पैदा कर दिया। दो बच्चे पैदा करने के बाद मेरी बीबी की चूत ढीली हो चुकी थीं। मेरे को उसके साथ प्यार करने में ज्यादा ममजा नही आ रहा था। फिर भी शादी सुदा होकर कैसे किसी पराई औरत पर लाइन मारता। मेरे को नयी चूत चोदने की बड़ी ख्वाहिश हो गयी।
मै टाइट चूत को चोदने के लिए बहुत बेचैन था। काफी दिन हो गए थे मेरे को अच्छी रसभरी चूत को चोदे हुए। एक दिन गलती से मेरी बीबी फिर से पेट से हो गयी। मै अपने घर का अकेला ही वारिश था। दो छोटे छोटे बच्चो की देखभाल के लिए मेरे को अपनी सरहज को बुलाना पड़ा। मेरे को उसका फिगर बहुत ही अच्छा लगता था। उसके चूचे बहुत ही बड़े बड़े थे। मेरे साले ने अपनी बीबी को देखभाल के लिए छोड़ गया था। उसका नाम गुड़िया था। गुड़िया एकदम गुड़िया सी क्यूट क्यूट लगती थी। उसकी उम्र अभी 28 साल के करीब रही होगी। 2 साल शादी को उसके हुए होंगे। नार्मल मस्ती मै कर लेटा था। लेकिन ज्यादा खुल के बात नहीं कर पाता था। एक दिन मैं अपनी बीबी के साथ बैठा बात कर रहा था। मैं गुड़िया की तारीफों पर तारीफ़ किये जा रहा था।हिंदीपोर्न स्टोरीज डॉट कॉमअपनी बीबी से मै दिल का सारा हाल बयां कर चुका था। वो मेरे अंदर छुपे हुए हवस को जानती थी। मै अपने आप को किसी तरह से कंट्रोल कर रहा था। मेरी बीबी भी मेरे अंदर के हवस को शांत करने में असमर्थ थी। मैं अपने लंड को हिला हिला कर काम चला रहा था। मेरा मोटा 7 इंच का औजार सिर्फ हिलकर काम चला रहा था। मेरी बातों को चोरी छिपे गुड़िया सुन लेती थी। मेरे को पता होता था फिर भी मैं सारी बातों को बोल देता था। धीरे हम लोग एक दूसरे से खुल कर बात करने लगे। मैं अक्सर उसके दूध को देखा करता था। उसका फेस कटिंग भी बहुत अच्छा था। करीना से मिलती जुलती थी। देखने में तो वो करीना से भी ज्यादा गोरी लगती थी। उसका पूरा अंग रस भरा हुआ लग रहा था। उसकी गांड गोल मटोल थी।
उसकी भूरी आँखे तो किसी पर भी जादू कर दें। मैं भी उसकी आँखों के कैदखाने में कैद सा हो गया। मेरा लंड खड़ा हो गया था। एक दिन मेरी तबियत खराब हो गयी। मै अपने कमरे में लेटा हुआ था। मेरी बीबी के साथ वो हर रात लेटती थी। मैं अपने रूम में अकेले ही रहता था। उस दिन मेरे को बहुत तेज फीवर था। मैं चुपचाप लेटा हुआ था। रात हो चुकी थी। मैंने दवा भी खा ली थी। मेरे को थोड़ा बहुत रेस्पॉन्स मिला था। मेरे को थोड़ा आराम मिलते ही मैंने गुड़िया से कुछ खाने को माँगा।
गुड़िया: ये लो जीजा जी आप चाय और ब्रेड खा लो!मै: क्या बात है गुड़िया जब से आयी हो घर का सारा काम काज करती रहती हो! मेरे को लग रहा है तुम्हारा मन भी नहीं लग रहा है!!(बहाने मारते हुए कहने लगा)गुड़िया: नहीं जीजा मेरा मन लग रहा हैमै(मजे लेते हुए): रात में तो फिर तुम्हे अपने हसबैंड की याद आ रही होगी!गुड़िया: जीजा आप भी ना…. हमेशा मजाक करते रहते हो!मै: झूठ क्यों बोल रही हो! अभी तुम्हारी चढ़ती जवानी है।मेरे घर की रखवाली के लिए तुम्हे कितना त्याग कर पड़ रहा है। मै तुम्हारी प्रॉब्लम को समझ सकता हूँगुड़िया: जीजा आप सही कह रहे हो! लेकिन कोई बात नहीं! कुछ ही दिन की तो बात है…मै: इतने दिन तक तुम कैसे रहोगी?? रोज रात को तुम्हे तो उनकी याद आती होगी?
मैंने इतना कहकर उसकी हाथो को पकड़ लिया। अपनी तरफ मैंने खीचा तो वो मेरे ऊपर ही आ गिरी.. मै उसे अपनी बाहों में भरते हुए उसे अपनी समस्या बताने लगा। वो मेरी बातों को ध्यान से सुन रही थी। इतने में मैंने उससे जबाब माँगा तो वो पहले न न करती रही।लेकिन कुछ देर बाद अपना जबाब देने को बोली। वो भी कई दिनों से चुदने को तड़पती लग रही थी। इसीलिए मेरी हिम्मत उससे ऐसा मजाक करने की हुई थी। मै जब भी शाम को उसे अकेले देखता था तो पता नही किस विचार धारा मर खोई रहती थी। मैंने एक दो बार उससे चिपक कर भी उसका मजा लिया है। एक बार तो मस्ती मस्ती में उसके दूध को भी दबा दिया था। वो उस दिन से मेरे से कुछ ज्यादा ही लाइन दे रही थी।
मैंने तो उसको चुदने का एहसास तो उसके मम्मे को दबा कर ही करा दिया था। उस रात तो मैंने कई बार मुठ मार कर चैन की नींद सोया था। रात को वो करीब 11 बजे मेरे से मेरे तबियत के बारे में पूछने आयी। मेरे करीब आई जैसे ही मैने उसको पकड़ लिया। बिस्तर पर अपने बगल लिटाकर उससे बात करके गर्म करने लगा। इतने में वो गर्म होने लगीं। वो धीरे धीरे गर्म होकर मेरे से बड़ी रोमांटिक बाते करनी शुरू कर दी। मैं जब भी उसे हाथ लगाता तो अपनी आँखों को बन्द करके मेरे हाथ को अपने जिस्म पर महसूस करती थी। उसने उस दिन मेरी बीबी की मैक्सी को पहना हुआ था। गुड़िया मेरी बीबी से पतली थी। मैक्सी उसके गोरे बदन पर बडी ढीली ढाली लग रही थी।
फिर भी अपने को क्या था। मेरे को तो उसके गुप्तांगों के दर्शन करना था। मैंने उसे एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया। बाहों मे भरते ही वो अपनी आँखों को बंद करके मेरे को कुछ करने को कहने लगी। मै उसके चेहरे की तरफ देख रहा था। बंद आँखों में वो एक दम से पत्थर की मूरत सी दिख रही थी। मेरे को उसके लाल लाल लिपस्टिक लगे हुए होंठ बेहद पसंद आ गए। मैंने उसके होंठो पर अपना होठ आँख बंद करके लगा दिया। अब हम एक दूसरे को देखे फ्रेंच किस करने लगे। लगभग 5 मिनट तक किस करने के बाद उसने अपनी आँखे खोल कर मुस्कुराई। उसके बाद खुद ही उसने मेरे को किस करना शुरू कर दिया। उसने भी मेरा साथ देना शुरु किया। मुझे अब दुगना मजा आने लगा। होंठ को काटते ही वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिसकारी भरने लगती। उसकी गर्म गर्म साँसे मेरे नाक पर ही सीधे पड़ रही थी।
मुझे उसकी सांस महसूस करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने अपना होंठ धीरे धीरे से नीचे करके चूम रहा था। उसके बालो को सहला कर मै उसे और ज्यादा उत्तेजित कर रहा था। कानो की बालियो के पास अपना मुह ले जाकर उसके कान को काटने लगा। उसकी कान को काटते ही वो सिमट गयी। उसे काटने पर लड़कियो को बहुत ही जोश आ जाता है। गुड़िया की चूंचियो को दबाते हुए उसकी चूँची को भी किस करने लगा। लेकिन टी शर्ट के ऊपर मजा नहीं आ रहा था। मैंने उसकी मैक्सी को निकाल दिया। गुड़िया लाल रंग की ब्रा में हो गई। इतनी सॉलिड बूब्स तो मैंने आज तक नहीं देखी थीं। खूब टाइट ब्रा में उसके बूब्स और भी ज्यादा बेहतर लग रही थी। मैंने ब्रा को भी निकाल कर चूंचियो को दबा कर मजा लेने लगा।
दोनों निप्पल फूले हुए थे। मैं एक एक निप्पल को दबा कर मजे ले रहा था। एक निप्पल को दबाते ही दूसरा निप्पल खूब फूल जाता था। मै एक एक करके दोनों निप्पलो को चूसने लगा। निप्पल को दांत से काटते ही उसकी मुह से “……अई…अई….अई……अई…. इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज निकल जाती। अपनी बूब्स की तरफ मुझे चिपका रही थी। मैंने दोनों दूध का रस खूब निचोड़ निचोड़ कर पिया। उसके बाद मैंने अपना भी कपड़ा निकाल कर 7 इंच का लंड आजाद कर दिया। वो भी फन फन करने लगा। चोदने की बेकरारी मेरी भी बढ़ने लगी। मैने अपना लंड उसे पकड़ा कर मुठ मरवा कर चुसवाने लगा। मेरे लंड को चूस चूस कर मुझे बहुत ही मजा दे रही थी। मैंने उसके मुह में ही अपना लंड पेलना शुरू कर दिया। कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा। उसकी साँसे अटकने लगीं। मैंने लंड निकाल लिया। उसकी जीन्स को निकाल कर पैंटी भी निकाल दिया। पहली बार इतनी मस्त चूत के दर्शन कर रहा था। मैंने अपना मुह लगाकर गुड़िया की चूत चटाई शुरू कर दी। चूत को चाटते ही वो सिसकारी भरती। लेकिन चूत का दाना कटते ही वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाज में सिसकारी को बदल देती थी।
मैं अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर रगड़ने लगा। चूत पर कुछ देर रगड़ कर चिकनी चूत के अंदर अपना लंड धकेल दिया। आधा लंड ही अंदर घुस था कि गुड़िया जोर जोर से “ओह्ह माँ…. ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की चीख पुकार निकालने लगी।हिंदीपोर्न स्टोरीज डॉटकॉम
गुड़िया: आराम से पेलो! मेरी चूत फट जायेगी!
नहीं तो मेरी जान निकल जाएगी! पूरी रात पड़ी है! जी भर कर चोद लेनामै अपनी धुन में मस्त था। तुरन्त ही जोर का झटका मार कर पूरा लंड अंदर घुसा दिया। उसकी एक चीख न सुनकर मैं धकापेल पेलता रहा। दोनों टांगो को फैला कर गुड़िया अपनी चूत चुदाई करवा रही थी। मैंने कुछ देर तक चुदाई ऐसे ही जारी रखी। उसके बाद गुड़िया की एक टांग उठाकर उसकी चूत में घच गच्च अपना लंड डाल कर आवाज निकलवा रहा था। गुड़िया मेरे लंड को पूरा अंदर अपनी चूत में ले रही थी। मेरे लंड उसकी चूत में रगड़ खा रही थी। उस रगड़ को सहती हुई “आऊ…..आ ऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”, की आवाज निकाल रही थी। मैंने उसकी चूत में अपना लंड जोर जोर से पेलने लगा। उसकी चूत फटकर फ़ैल गयी। मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था।
गुड़िया को भी मजा आने लगा। वो अपनी चूत उठाकर चुदवाने लगी। कमर आगे पीछे करके मैं भी चोद रहा था। मैंने गुड़िया को उठाया। गुड़िया को बिस्तर के सहारे खड़ी हो गईं। मैंने फिर एक बार उसकी टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख कर। उसकी चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी। पूरा शरीर पसीने से तर हो गई। उसकी चूंचियो को दबा दबा कर उसकी चुदाई कर रहा था। हवा में मेरे लंड की दोनों गोलियां झूल रही थी। ठक… ठक उसकी गांड की छेद पर लड़ रही थीं। मैंने उसे जमीन में झुकाकर उसकी चूत में लौड़ा डाल कर चोदने लगा। अलग अलग स्टाइल से उसकी चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने कुछ देर तक ऐसे चुदाई करने के बाद उसे उठा लिया। अपनी गोद में लेकर उसकी चूत से सटाकर खूब चुदाई करने लगा।हिंदीपोर्न स्टोरीज डॉटकॉम
वो भी उछल उछल कर“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह् हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। कुछ ही देर बाद उसकी चूत का पानी मेरे लंड में लगने लगा। वो झड़ चुकी थी। उसकी चूत से निकले हुए माल में मै चुदाई कर रहा था। मेरे लंड को उसकी चूत के माल की चिकनाई मिलते ही और भी ज्यादा तेजी से अंदर बाहर होने लगा। गुड़िया की चूत से कुछ माल मेरे लंड के जड़ पर लगा हुआ था। मेरे लंड से भी माल छूटने वाला था। मैंने जोर से चुदाई शुरू कर दी। झड़ने से पहले मैं अपनी पूरी शक्ति लगाकर चोद रहा था। वो “…..ही ही ही……अ अ अ अ उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” की आवाज के साथ चुद रही थी। मेरा लंड उसकी चूत में ही स्खलित हो गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया। मेरा माल अपनी चूत से पोंछकर वो अपने कपडे पहन ली। उसके बाद वो मेरी बीबी की रूम में जाकर लेट गयी। उस दिन से लगभग महीनों तक उसकी चुदाई की।