उस विधवा की चाहत | Antarvasna

मैं गुलाब, आज हाज़िर हु फिर से वही आपका पहले वाला sex स्टोरी “उस विधवा की चाहत” पार्ट 1 का पार्ट 2 लेके। दोस्तो पार्ट 1 स्टोरी इंटरनेट पे बहुत ही ज्यादा सुपरहिट हुई। लोगो ने इसे बहुत पसंद किया। और बहुत से लोगों ने मुझे ईमेल किये , कि सर आपकी कहानी हमे बहुत पसंद आई ,आपकी कहानी सबसे अलग और हट के होती है और इसमें रोमांस सेक्स सस्पेंस और इमोशन का जबरदस्त तालमेल होता है ।इस कहानी का अगला पार्ट जल्दी से बनाओ हम वेट कर रहे है। तो दोस्तो मैं बता दु कि मुझे असल जिंदगी की स्टोरी लिखने में इंटरेस्ट है। जो मेरे लाइफ में घटित हुआ उसी को मैं लिखते आ रहा हूँ।मैं रायपुर के बड़े हॉस्पिटल में एक अच्छे बड़े पोस्ट में कार्यरत हु। और टाइम निकालकर और छुट्टी मिलती है तो स्टोरी लिखता हूँ। और काफी मेहनत से स्टोरी तैयार करता हु ताकि कहीं कोई गलती ना हो जाये क्योकि मैं अपने fans का दिल नही दुखाना चाहता या बोर नही करना चाहता। तो पेश है पहली स्टोरी “उस विधवा की चाहत पार्ट 1” का अगला पार्ट लेकर , जिसका टाइटल नाम है —“”चाहत चुदाई से- राहत जुदाई से” पार्ट 2 ।याद है ना आपको, मैं गुलाब, जिसकी कहानी आप सन 2015 में पढ़ चुके हैं। तीन साल बाद यानी 2018 में आगे की कहानी बता रहा हु जो पहली कहानी“उस विधवा की चाहत पार्ट 1″ का अगला भाग है। यानी पार्ट 2 ।”चाहत चुदाई से- राहत जुदाई से” पार्ट2 इस कहानी को भी दिल से पढ़ना और अच्छा लगे तो मुझे कॉमेंट जरूर करियेगा।,क्योकि ये मेरे लाइफ की असली रियल सेक्स स्टोरी है। आपको नए नए पार्ट और फ्लेवर में कहानी जरूर पढ़ने को मिलेगा। तो दोस्तो, ज्यादा इधर उधर की बाते न करते हुए डायरेक्ट कहानी पर आता हूं।तो जैसा कि मेरी कहानी के एन्ड में मैने बताया था कि कैसे मैने उसकी चुदाई की, क्या मैने अपना वीर्य उसकी रसदार गर्म टाइट चूत में गिरा दिया। क्या हुआ जब मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ा, क्या वो प्रेग्नेंट हुई और अगर वो प्रेग. हुई तो क्या उसने उस बच्चे को जन्म दिया। तो अब मैं सारी कहानी और आपके मन मे उठ रही शंकाओ को दूर कर रहा हु ये कहानी पहले कहानी की सस्पेंस पे ही आधारित है आप कहानी को आराम से पढ़ते जाएंगे और धीरे धीरे आपके प्रश्नों की जिज्ञासा शांत होती जाएगी।तो आते है सीधे मुद्दे पे। उस रात यानी 2015 जुलाई तारीख 16 की रात मैने उसके साथ गुजारे। उसके घर वाले किसी समारोह में गए थे 2 दिन के लिए। मेरी तो चांदी थी बॉस जिसका मैं बरसो से वेट् कर रहा था। वो मेरे लिए पानी लेकर आई मैने उसे बोला आप नाइटी पहन लो गर्मी है आंटी। तो उसने बोला कि तुम पानी पियो मैं बिस्तर लगाती हु। अपना। मैं अपने बिस्तर में सोने चला गया। वो भी खाना खा के नाइटी पहन के अपने बगल वाले बिस्तर पे सोने की तैयारी कर ली। रात 10 pm का टाइम था बॉस। उस समय tv पे स्टार मूवी पे हम साथ साथ है मूवी चल रही थी। मैने बोला ये मूवी तो कई बार देखा हु आंटी चेनल चेंज करो अच्छा सा मूवी लगाओ। तो वो रिमोट से चेनेल चेंज करने लगी और ज़ी सिनेमा लगाई तो उसमें vikki डोनर फ़िल्म चल रही थी मैने बोला आंटी इसे रहने दो अच्छी मूवी है। बोली ठीक जैसी तुम्हारी पसंद। हम मूवी देखने लगे। देखते देखते एक सीन आया जिसने हीरो हीरोइन को लिप् किस करने लगता है। आंटी बोलती है ये अच्छा नही लग रहा है चेंज कर रही हु मैने बोला क्या प्रोब्लम है प्यार ही तो कर रहे है तो बोली मुझे इससे तड़प से होती है जब ऐसा सीन देखती हु। मैने बोला वो तो आपको लगेगा आंटी आपकी लाइफ में शारीरिक सुख नही मिला आपको । वो बोली हा पर कैसे करूँ। मैने बोला आंटी एक बात कहु काश मैं आपकी मदद कर सकता , पहले भी तो हम एक दूसरे को लिप् किस कर चुके है आज यदि हम एक बिस्तर पर सोये तो कैसे रहेगा।( मैने हल्के से स्वर में कहा, क्यो कि मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था बोलने में).वो बोली मुझे झिझक होती है शर्मिंदगी भी। पर दिल मे तड़प सी भी होती है। मैं बोला , मेरे पास कहने को कुछ नही है फिर भी मुझे कोई तकलीफ नही की मैं आपकी शारिरीक जरूरतो को पूरा करू। फिर मुझे हल्की सी झपकी आ गई। शायद मूवी खत्म होने पे वो बाथरूम गई और वापस आते हुए बाथरूम का दरवाजा बंद किया उसकी आवाज से मेरी आँख खुल गई। वो जीरो बल्ब का लाइट चालू करके लेट गई। मैं भी बाथरूम के लिए उठा। और वापस आकर लेट गया।थोड़ी देर बाद उसने बोला गुलाब,मुझे नींद नही आ रही सर में भी दर्द है। मैने बोला आंटी सर दबा दु। वो बोली ठीक है । मैं उसके सर दबाने लगा। जैसे ही मैंने उनके सर को छुआ मेरे शरीर मे एक अजीब से सरसराहट दौड़ गई। मैं बाम लेकर सर दबाने लगा। वो बोली इतने सालों बाद मेरे पति के बाद किसी ने मुझे छुआ । और फिर थोड़ी देर बाद बोली अब सो जाओ। मैं सोने चला गया। मैं भी अपने बिस्तर पे मस्त हल्की सी नींद में सोने लग गया। थोड़ी देर बाद वो फिर बोली गुलाब दर्द अभी भी है मैने बोला आंटी दबा देता हूं फिर जैसे ही मैने सर को छुआ ही था कि उसने बोला दर्द सर में नही पूरे बदन में है। मुझे अजीब लगा। फिर मैं बोला आंटी दबा देता हूं। बोली कि तुम अभी भी नही समझे मेरा मतलब है कि मुझे शरीरिक सुख का दर्द है। मैं ने बोला मैं नही समझा। तो बोली कि तुम गलत मत समझना , मैने बोला ठीक है नही समझूँगा । उसने कहा कि उनके गुजर जाने के बाद कभी भी शारीरिक सुख नही मिला। क्या तुम मुझे ये सुख दे सकते हो । ऐसा सुनके मेरी गांड सुख गई। मैने भी बोला haa आप की तकलीफ मैं समझ सकता हु। फिर वो फिर अचानक उसने मेरे हाथों को कस के पकड़ लिया। मैं थोड़ा घबरा गया।फिर मैंने भी हिम्मत करके उनके हाथो को पकड़ लिया । और सहलाने लगा। वो फिर जोश में आना शुरु कर दी।फिर धीरे से मैने उसका बूब्स टच किया और वो सिसक उठी मैने सॉरी कहा तो उसने जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रगड़ना चालू किया। मैं भी एकदम गरम हो गया। यार सच बताऊ क्या दूध थे उसके नरम नरम बड़े बड़े गोल । फिर मैंने उसकी नाईटी के अंदर से हाथ घुसाते हुए उसके स्तनों को मसलना शुरू किया। और जैसे ही मैने उसके चुंचुक को उंगली से छुआ तो एकदम से जोश में आ गई। और बोली जोर जोर से दबाओ दूध को मेरे। मैं गीले आंटे की तरह उसके बड़े बड़े दूधाधारी स्तन को जंगली की तरह मसलने और दबाने लगा। क्या बड़े बड़े बूब्स थे यार। और उसकी दूध का निप्पल (चुचुरु) भी एकदम फल्ली की तरह गोल और गठीला था, मैं इसे पकड़ कर उंगली से रगड़ने और दबाने लगा जैसे दूध दुहते हैं। कसम से क्या थन थे यार उस आंटी के। और फिर उसने अपने दूध को ब्रा और नाइटी से बाहर निकाल कर बोली प्लीज़ मेरे दूध को चुसो जोर जोर से । मैं भी उसके दूध के निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा और थन को ऐंठने लगा। वो कराहने लगी अम ssssss ammmmmmaah aah ishhhhhhh ummmhhh । ऐसे लग रहा था मानो कई सालों वो जिस्मानी भोग पिपासा के इंतेजार में थी। जैसे जैसे मैं उसके थन और दूध के मसलन की ताकत को बढ़ाता जाता था वैसे वैसे उसके करहाने की हाहाकारी मृदुल रोमांचक ध्वनि बढ़ती जाती थी।उसके ऐसे चिल्लाने की आवाज़ से मेरे शरीर मे एक अजीब सुगबुगाहट सी संवेदना स्पंदन करने लग जाती थी। बड़ा मस्त और आनन्दमयी थनो को दबाने का अद्भुत आवेशों के रसमयी स्पर्श का स्वाद ले रहा था मैं। मेरे जोशीले अंग भी मानो इस घोर आलिंगन क्रीड़ा का भरपुर आनंद ले रहे हो। मेरे तन में आश्चर्यजनक संवेदना का संचार हो रहा था। सोच रहा था जब स्तनों और ऐंठीत रूपी गुठलीनुमा थनों को दबाने और मसलने से इतना आनंदमयी कामक्रीड़ा का रसास्वादन होता है तो सोचो जब 10 इच लंबा कठोर शंकुरुपि टोपे वाले लण्डराजा , सुरंगनुमा इठलाती मचलती नरम नरम आकर्षक चूतड़ की हाहाकारी चुदाई करता होगा तो वो पल शायद ही किसी और चीज़ों में मिलता होगा , शायद इसकी कल्पना नही की जा सकती। मेरे हरामी दिमाग मे एक बात सूझी, क्यो न दूध के घर्षण को कम करके मसलन की वेदना को बढ़ाई जाए तो आनंद दुगना हो जाएगा। झट से मैं बेड से हटा और उसकी रसोई की तरफ शैतान के माफिक भागा। आंटी ने प्रश्न किया कहा जा रहे , अब मेरा भी इज्जतरूपी जज्बात जवाब दे गया था और मैं सदाचारी इंसान से कामुक और हरामी चुदक्कड़ शैतान बन गया था। यही मेरा असली रूप है। 2 मिन, रुक जा जानू अभी आया तेरी इंजन के लिए ग्रीस लेके। और रसोई में घी का डब्बा खोजने लगा। पाटे में जर्मन के डब्बे में रखा असली देसी सुगंधित घी मुझे मिल गया । और मैं अपने हाथों और उंगलियो में घी को लगाने लगा। आंटी के पास आया और बोला अपने स्तन से पूरा ब्रा हटा लो और मुझे जम् के इसे दबाने दो। वो थोड़ी घबरा गई और फिर अपने ब्रा को वापस दूध में लपेटने लगी। दोस्तो ये तो सरासर मेरे खड़े लण्ड पे धोखा था जबकि मैं अभी उसके चूतड़ तक पहुचा ही नही था। घोर नाइंसाफी थी। शायद मेरा लण्ड मन ही मन मुझे चिढा रहा था कि “चूत तेरे पास में, तू मुठ की आस में।”मेरे दिल से आवाज़ आई अभी नही तो कभी नही।और फिर मैं भूखे शेर की तरह उसके बड़े बड़े रसदार दूध पर झपटा। और झटके से उसके ब्रा को हटाया। झपट ऐसी मारी की आंटी का ब्रा का इलास्टिक टूट गया। वो एकदम सहम गईं। बोली नही!!!!!!!!। मेरा जोश और बढ़ गया। उसका दूध अब पूरे शबाब में था दोनों दूध 3 3 किलो के और उस पर बीचोबीच लगे हुए गुठली जैसे आकर्षक चुंचुक। मुझे ऐसे लग रहे थे मानो वो कह रहे हो मुझे जोर से चुसो ,चूसकर सारा दूध पी जाओ।उसके बड़े बड़े बटले, मसलने को आतुर कर रहे थे। मेरा लण्ड भी पूरे चरम पर था। पर मैं पहले अच्छी तरह से उसके रसीले फुले हुए दूध को मसलना चाहता था। मैंने अपना दोनों हाथ उसके बटले पर रखा वो इतने बड़े थे कि हाथ से पकड़ा नही रहे थे फिर भी मैं पूरी हथेली को खोल के उसे जकड़ रखा था। वो एकदम घबराई हुई कह रही थी प्लीज़ प्लीज़ ऐसा मत करो ये गलत है। मैं और जोशीला हो रहा था। दोस्तो जब कोई नंगी औरत अपने जिस्म और चूत को चुदने से बचाने की मिन्नत करे तो ये लण्ड और ज्यादा सनसना और ठन्ना जाता है। एक अजीब से तेवर आ जाता है मर्दानगी पे । मजबूर चूतड़ को चोदने में। मैं जोर जोर से उसके दूध को दबाने लगा। और और वो मुझसे अलग होने ताकत लगाती ,मैं उसे उसी ताकत से पकड़ कर दबाये जा रहा था उसकी सिसकिया निकलने लगी अहह आह आह उम्म उम्म अम्म ईश्$$$$$$sssssss इह आ******उ sssss अम्मmmmmmmआह।मैने उसके सिर को पकड़ा और बाल को पकड़ कर उसके होंठ अपने होठों की तरफ लाया और दोनों के होठों को मिला दिया। जैसे ही होठ टच हुआ यार एक मस्त सी स्वाद जिसमे स्ट्राबेरी फ्लेवर हो , अनुभूति हो रही थी। हल्के हल्के मीठे स्ट्राबेरी जैसे स्वाद। अब अचानक वो रिलैक्स हो गई और उसने भी मेरे होंठ को चूसना शुरू कर दिया। मैं एकदम से अलग हट गया और तपाक से बोला ये तुम अभी अपने को मुझसे अलग करने ताकत लगा रही थी और फिर रिलैक्स होके मेरे होठ चूसने शुर कर दिए। ये क्या है। वो हस्ते हुए भाव खाते हुए बोली तू कितना ना समझ है रे। अरे कुत्ते मैं तो नाटक कर रही थी ये देखने कि तुझमे कितना दम है मुझे चोदने के लिए तू क्या कर सकता है। ऐसे लग रहा था जैसे वो रंडी बन गई है।बस दोस्तो इतना वाक्य सुनते ही मैं उससे बोला मेरा दम देखती है कुत्ती आंटी मेरा। ले देख मेरा लण्ड का घमंड। ये बोलते ही मैं उसके नाईटी का हुक खोलके उसको अर्धनग्न कर दिया। दोस्तो क्या नज़ारा था यार। उसका बदन एकदम कंटास फिगर का लग रहा था। 36″28″38 का करारा सेक्सी आइटम लग रही थी। उसकी पैंटी का लाल रंग जिसमे छोटे छोटे बिंदी का डिजाइन मानो ऐसा प्रतीत हो रहे थे कि कह रहे हो बस अब मुझे हटाओ और अपना फड़फड़ाता कड़क गर्म खून वाला लण्ड इसमे डाल के जोर के झटके लगाओ। पर मैं स्टेप बाई स्टेप उसकी लेना चाहता था। ठीक मैने वैसा ही किया। एक झटके में उसकी पैंटी उतार दी फिर से वो फट गई उसके ब्रा की तरह। मैंने कहा सॉरी तुम्हारे फटे ब्रा और पैंटी का जिम्मेदार मैं हु। उसने बोला ,अरे बेवकूफ फाड़ना है तो मेरी बरसो से तड़पती हुई चूतड़ पुदी को फाड़। ऐसा सुनते ही मैं एकदम तनमना गया है और बोला देख तू मुझे चेलेंज कर रही है। अब देख कैसे तेरे बरसो से चिपके हुए चूत को अपने लण्ड से थपेड़े मार मार के तेरे चूतड़ का चौड़ा भोसड़ा बनाता हूँ।वो बोली तू बस एक दो शॉट में ही थक के सो जायगा। मेरे पति जब मुझे चोदते थे तो वो भी ऐसे ही 1 से 2 शॉट में थक जाते थे। और सो जाते थे। मुझे पूरी संतुष्टि नही मिलती थी। देखती हूं आज तुझको और तेरे लण्ड की ताकत को। मेरे चूत का कितना घोर चुदाई करता है। मैं फिर से एक बार तनमना गया क्योकि वो फिर मुझे चलेंज कर रही थी। ये तो मेरे ही लिए अच्छा था क्योंकि मेरा भी लण्ड बरसो से प्यासी चूत के इंतज़ार में था। आज रात मुझे जबरदस्त मौका मिला था। एक प्यासी और लण्ड की भूखी चूत की प्यास मिटाने का।सबसे पहले मैंने उसके बदन से ब्रा और पैंटी को पूरी तरह से निकाल कर किसी कोने पे फेक दिया। और आगे बढ़ा तो उसने बोला मुझे तो तूने पूरी नंगी कर दिया और खुद कपड़े में है। तो मैंने कहा तू मुझे अपने हाथो से नंगा करेगी ,ऐसा सुनते ही वो जंगली बिल्ली की तरह झपट मेरी और उसने मेरे शर्ट पैंट को उतार दिया। फिर मेरे बनियान को भी उतार दिया। जब वो मेरे कपड़े उतार रही थी मेरे शरीर मे भी अजब सा emotion आ गया । मुझे पहली बार किसी ने नंगा किया , । मेरा लौड़ा भी अपने पूरे शबाब पर था वो तन कर एक लंबा मोटा और कड़क लण्ड हो चुका था, किसी प्यासी चूत की घोर चुदाई करने। और मेरे अंडरवेयर से निकलने आतुर हुआ जा रहा था। मेरे चड्डी के अन्दर से खड़े तने हुए लण्ड को देखकर वो थोड़ी घबरा गई बोली ना बाबा ना, इतना लंबा मोटा और कड़क लण्ड तो मेरे पुदी की फाड़ के रख देंगे। क्योकि मै इतने लंबे कड़क और मोटे लण्ड से नही चुदी हूं। मैं पस्त हो जाउंगी तेरे लण्ड से चुद के यार। शायद वो थोड़ी घबरा गई । मैन सात्वना देते हुए कहा , नही तुम थोड़ी घबरा गई हो , पहले थोड़ा दर्द होगा क्योंकि तुम्हारा चूत बहुत सालों से नही चुदा है। फिर इतना आनंद आएगा कि तुम्हे विश्वास ही नही होगा। मेरे समझने पे वो अब थोड़ी रिलैक्स हुई। ऐसा कहते हुए मैने उसके बूब्स पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। अब वो धीरे धीरे जोश में आ रही थी , फिर मैंने उसकी टाइट पुदी की सुराख में अपने उंगली को धीरे से अंदर डालना शुरू किया ,उंगली थोड़ी ही अंदर गई थी उसने कराहना शुरू कर दिया और बोली थोडा दर्द है पर मज़ा दुगना आ रहा है । फिर उसने मेरे अंडरवेयर को झट से उतार दिया। मेरा लण्ड पुरा खड़ा था। मैं उसकी चूतड़ में उंगली करते जा रहा था। हम दोनो खड़े हुए थे । अब मैंने उसका हाथ लिया और अपने लण्ड पे रख दिया । वो धीरे धीरे मेरे लण्ड की चमड़ी को आगे पीछे करने लगी। मैं उसकी चूत में लगातार उंगली करते जा रहा था। फिर मैंने अपने होंठ उसकी होठो पे लगाए और लिप् टू लिप् किस करना शुरू कर दिया । अब देखो दोस्तो मेरा दांया हाथ की उंगली उसकी चुतड़ के सुराख में , उसका दांया हाथ मेरे लण्ड में और दोनों का बांया हाथ एक दूसरे के बदन को पकड़े हुए लिप् लॉक ( होठ से होंठ मिलने वाला लगातार चुम्बन प्रक्रिया) किस करते जा रहे थे । मैं उसके सिर के बालों को सहला रहा था वो मस्त हो रही थी। हम दोनों को सेक्स के असीम आनंद की प्राप्ति हो रही थी। एक अजब सा रोमांचक सेक्स का एहसास हो रहा था। आंटी बोली जल्दी से डालो यार मेरे चुद में अपना मोटा लंबा लौड़े को। मेरे चुतड़ के अंदर बड़ी खुजली हो रही है। मैं उसे थोड़ा तरसाना चाहता था। मैंने कुछ नही कहा चुपचाप किस करता रहा। वो तलमला उठी, और मुझसे तुरंत अलग हो गई, बोली अब मुझे नही करना। मैं मन ही मन उसके चुदने के लिए हो रही बैचेनी को देखकर खुश हो रहा था। फिर वो अचानक बोली तुम्हारे गांड में दम नही है मुझे चोदने का। मैं गुस्से में आ गया। मैने झटाक से उस नंगी आंटी को पकड़ के बिस्तर पे पटक के लिटा दिया और खुद उसके ऊपर आ गया। फिर उसके दोनों टांगो को उठा दिया। अब मैं एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ और अपने दूसरे हाथ से उसके चूतड़ के ऊपरी मुहाने को उंगलियो से फैलाने लगा। उसके चूत बिल्कुल साफ चिकने थे शायद उसे मालूम था आज रात के बारे में इसलिए जब वो बाथरूम गई थी तो उसने बालो को वीट से साफ कर दिया था। उसके चूतड़ एकदम मस्त चिकने और हल्की लालिमा लिए हुए थे। और वीट की हल्की हल्की खुशबू उसके चूत से आ रही थी मस्त चुद थी यार उसकी एकदम नौजवान युवती के चुद की तरह। क्योकि वो सिर्फ पहले अपने पति से ही कभी कभार चुदती थी और उसके जाने के बाद एकदम अकेली सी पड़ गई थी। खैर ये तो उसकी बात हुई मुझे तो आज मस्त चुद मिली थी और जी भरकर निडर हो मदमस्त होकर चोदने का सुनहरा मौका भी। फिर मैंने उसकी चूतड़ को फैलाया वो ज्यादा ही टाइट थी दोस्तो। फिर मैंने अपने लण्ड के ऊपरी चमड़ी को हटा के पीछे किया और अपने लण्ड के ऊपरी टोपे को उसकी चूत की सुराख में हल्का सा डाला ही था कि वो चिल्ला उठी,!आ आ आaaaaaaaaaaaaअम्म्म्म्ममम्म श$$$$$$$$$$इसस$$$$$$$ssssss आhhhhhhhhhhhh उसने तुरंत कहा, अरे निकालो अपना लौड़ा , तुम्हारा लौड़ा बहुत मोटा और कड़क है बहुत दर्द होता है ।फिर मैंने उसे कहा मैने तो सिर्फ हल्का सा ही अंदर डाला है और तुम चिल्ला उठी,,देखो यार बस हल्का सा दर्द होगा तुम थोड़ा हिम्मत करो और लण्ड के अंदर जाने तक चीखना मत। उसने haa कहा । अब मैने फिर से अपने लण्ड के टोपे के मुहाने को उसके चूतड़ के मुह पर रख कर सेट कर दिया और अंदर की ओर हल्का सा झटका लगाया। लण्ड हल्का सा ही अंदर गया था कि वो कमिनी फिर चिल्ला उठी आahhhhhhh उई मम्मा मर गई अammmmm स$$$$$$$shshsh$$$ish। मै अब रुका नही हल्का हल्का अंदर बाहर करने लगा। जब ज्यादा अंदर डालने की कोशिश करता तो उसकी चूत ज्यादा टाइट होने के कारण लण्ड पूरी तरह से अंदर भी नही जा पाता। और वो भी दर्द से चिल्ला उठती। उसे अब अच्छा लग रहा था पर मैने अभी अपना पूरा लण्ड अच्छे से अंदर डाला ही नही था। फिर मैंने ज्यादा टाइम ना लेते हुए अपना लण्ड उसके चूतड़ से पूरा बाहर निकाल लिया और अब पूरी तैयारी के साथ फिर से कोशिश किया। उसे पहले सहलाया और उसके चुत को भी सहलाया और वो गर्म हो गई। कमरे में वेसलीन जेली भी मिल गई। उसे थोड़ा सा हाथ मे लेते हुए उसके चूतड़ को अच्छे से फैलाया और उसमे थोड़ा सा वैसलीन का जेली चुपड़ दिया। अब वो सुराख थोड़ी चिकनी और लसदार हो गई। अब मैने फिर से अपने लण्ड का टोपा उसके चूतड़ के मुंह पर लिपटे चमड़ी को हटाकर रख ऐसे सेट कर दिया कि एक ही बार मे सटाक से अंदर घुस सके। और फिर उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख के अपने दोनों हाथों से उसके कमर को पकड़ा और इस प्रकार एकदम सही पोजीशन सेट हो गया अपना लौड़ा उसके भोसड़े में डालने के लिए। अब मैं जोश के साथ ताकत लगाते हुए एक झटके में अपना लण्ड उसकी पुदी में जोरदार झटका मारा और आधा लण्ड उसकी चूत की सुराख में घुस गया उसकी जोरदार चीख निकली आaaaaaaaaaaह । मै रुक गया और जल्दी से उसके होठो को लिप् लॉक कर किस करने लगा। वो थोड़ी शांत हुई। मेरा लौड़ा अभी आधा अंदर ही घुसा हुआ था । फिर देरी ना करते हुए मैने फिर पूरे जोश के साथ एक जोरदार झटका उसकी चूत में मारा। वो फिर जोरदार चीखी । लेकिन चूंकि मैंने उसके होठ अपने होठ से लॉक कर दिया था इस कारण उसकी चीख उसके मुंह के अंदर ही गूंज गई। बाहर आवाज नही आई। अब मेरा लण्ड उसके चूतड़ के अंदर पूरी तरह से अंदर घुस चुका था। मैं थोड़ा रुका। और अब फिर से पूरे जोश और ताकत के साथ अपना लण्ड उसके चूतड़ के अंदर बाहर करने लगा। अंदर बाहर , अंदर बाहर, अंदर बाहर। जब मेरे लण्ड के टट्टे (आंड) अंदर बाहर जाते हुए उसके जांघ और चूतड़ से टकराते तो उससे थप्प थप्प थप्प की आवाज़ आती। उसके चूतड़ पर जोरदार शॉट पे शॉट देते हुए थप थप थप की आवाज़ के साथ पूरा कमरा घोर थपथपाहट से गूंज रहा था। उसका दर्द भी अब कम हो चुका था और वो इस घोर हाहाकारी चुदाई का पूरा मज़ा लूट रही थी। मैं शॉट पे शॉट देते जा रहा था। अब उसकी चूत के अंदर का सुराख थोड़ा फैल गया था और मेरा लण्ड आसानी से अंदर बाहर जा रहा था। मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था। वो हल्की दर्द से करहाते हुए चिल्ला रही थी aah aaaahhhh आह आह आह हम्म हम्म उई मा आह उह उह उह आ आ आ आ हम्मmmmm aaaiiiआई$$$$ । और साथ ही वो मुस्कुरा भी रही थी और आनंद ले रही थी कामक्रीड़ा (coitus) का। मैं उसके बूब्स को जोर जोर से मसला जा रहा तो वो भी अब जांघ उठा उठा के चुदते हुए साथ दे रही थी। मैं उसके दूध पर हाथ फेरते हुए उसके होठो को चूसते जा रहा था। अब मैने चोदने की स्पीड थोड़ी बढा दी वो चिल्लाए जा रही थी आह आह आह और मैं उसे लगातार चोदते जा रहा था,थप थप थप थप। वो बोल रही थी और जोर से और जोर से करो आह आह आह उह ऊह ऊह आह उम्म अम् अम्म आह इह इह इह आउ आउ आह ह ह ह। ईश् आह आह आह। दोनों की सांस तेज चल रही थी और गर्म गर्म साँसे चल रही थी, हालांकि पंखा चालू था। फिर भी बदन की गर्मी तेज हो चुकी थी। हम दोनों घोर चुदाई का आनन्द ले रहे थे कमरा आह आह आह की आवाज़ से गुज़ रहा था। हमे कोई टेंशन नही थी घर पूरा खाली था क्योंकि सारे घरवाले किसी फंक्शन में बाहर गए थे। मैं भी गर्म गर्म सांसो से उसे चोदते हुई आहटे भर रहा था आह आह आह। वो बोली और जोर से कर मुझे और जोर से ,मैंने अब स्पीड और ज्यादा बढ़ा दी। थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि उसके चुद हल्का हल्का गीला और नम हुए जा रहा है क्योकि लण्ड की फिसलन आसान हो चुकी थी लण्ड अब आसानी से अंदर बाहर होता जा रहा था और थप थप्प थप्प की गीली सी आवाज़ आ रही थी । वो बोली गुलाब मैं अब झड़ने वाली हु मेरे चुद का पानी अब झड़ने वाला है लेकिन मैं पूरे जोश में था और आंटी के बातो की परवाह न करते हुए लगातार चोदते जा रहा था चोदते जा रहा था। उसका चुद लगातार मेरे लण्ड के झटके झेलते हुए अब पानी छोड़ने शुरू कर दिए थे मैं थप्प थप्प लगातार चोदे जा रहा था चोदे जा रहा था। अब आखिर आंटी के चुद ने पूरा पानी छोड़ ही दिया जिससे आंटी का चूतड़ गीला हो गया और उसके चुद के गाढ़े चिपचिपे द्रव से मेरा लण्ड भी गीला और नम हो गया था आंटी बोल रही थी गुलाब ,मैं झड़ गई हूं बस करो, फिर भी मैं जोश में लगातार चोदे जा रहा था। मैंने बोला , आंटी अब मैं भी झड़ने ही वाला हूं । तो आंटी ने कसके मुझे पकड़ लिया और कहा गुलाब अपना वीर्य मेरी चुद में ही छोड़ना , और मैंने अपना पूरा वीर्य आंटी के चूतड़ के अंदर गिरा दिया। और थक कर उसके एक दूसरे से लिपट के लेट गए। हम दोनों बुरी तरह थक चुके थे । और हमे अब प्यास भी लग रही थी। हम दोनों नंगे उठे और फ्रिज की तरफ गए और वहां से ठंडा पानी निकाला। आंटी ने कहा गुलाब फ्रिज में आइसक्रीम भी रखी है खा लो । मैंने कहा हम दोनों एक दूसरे को खिलाएंगे आंटी। ऐसा कहते हुए हम कमरे में वापस आ गए । और मैं पानी पीके बिस्तर पर वापस लेट गया। आंटी बोली मैं अपना पुदी धोके आती हु बाथरूम से। वो अब बाथरूम में चली गई। और अपना पुदी धोके और बाथरूम करके वापस आई। मैं भी बाथरूम हो के आ गया। अब हम दोनों एक दूसरे को आइसक्रीम खिलाने लगे। फिर आंटी आइसक्रीम का एक का बड़ा बाईट मुह में लिया और बोली चलो बिना हाथ से तुमको आइसक्रीम खिला रही हु और ऐसा बोलते हुए वो दूर हट गई मानो मुझे चिढ़कर बुला रही हो मैं झट से उसकी तरफ दौड़ते हुए उसके हाथ को पकड़ लिया और अपने होंठ को उसके होठों से चिपका कर उसके मुंह का आइसक्रीम अपने मुह में लाने की कोशिश करने लगा और हम एक दूसरे के मुह को मिलाकर आइसक्रीम को खाने लगे। बड़ा मजा आ रहा था । अब आंटी को मैंने अलग किया और पूछा शहद है आंटी । वो बोली हा रसोई में है मैं झट से रसोई में गया और शहद को ढूंढने लगा । थोड़ी देर में डाबर हनी का 1 पाव का जार भी मिल गया। उसे लेकर आया और आंटी से बोला मैन आपकी बात मानी अब आप मेरी बात मानो। आंटी ने एक ही स्वर में हा कह दिया । उसे लगा था की शहद को भी हम हाथ से एक दूसरे को खिलाएंगे पर वो गलत सोच रही थी। मैने बोला आंटी इस शहद को मेरे लण्ड पे डालकर चुसो। ऐसा सुनते ही वो सन्न रह गई ,बोली-ना बाबा ना। मुझे अजीब लगता है मैने कभी लण्ड चूसा नही है। न ही चुसुंगी, मेरे थोड़ा मनाने के बाद वो मान गई। फिर उसने शीशी से शहद ले के मेरे लण्ड पे चुपड़ दिया और जार को ऊपर करके मेरे लौड़े पर थोड़ा सा उड़ेल भी दिया। मैने कहा अब चुसो जल्दी से और फिर से खड़ा कर दो मेरे लण्ड को। वो अब मेरे लण्ड को अपने मुह में लेकर चूसने और चाटने लगी और साथ ही मीठे शहद के स्वाद का आनंद भी लेने लगी । उसे अब बड़ा मजा आ रहा था और दोनों हाथों से मेरे लौड़े को लेकर अपने मुह को आगे पीछे करके चूसने लगी । मुझे बड़ा आनंद आ रहा था।अब मेरा लण्ड भी टाइट होने लग गया। आंटी बोली , तुम भी मेरे चुद को चाटो ना शहद लगा के। फिर मैंने आंटी को लिटा दिया हम 69 पोजीशन में आ गए थे और अब मैंने शहद की शीशी लिया उसके चूतड़ में शहद को उड़ेल दिया और अब उसके चूतड़ों को जीभ से चाटने और चूसने लगा साथ ही शहद का मीठा स्वाद भी बड़ा आनंददायक अनुभूति दे रहा था। मैंने अपने जीभ को उसके चूतड़ के छेद के अंदर डालना शुरू किया और इधर उधर फेरने लगा आंटी को भी बड़ा मजा आने लगा और वो सिसकिया भी लेने लगी वो भी मेरे लण्ड को चूसे जा रही थी। अब फिर से मेरा लण्ड अपने पुरे मोटे लंबे और कड़क साइज में आ चुका था फिर थोड़ी देर चूसने और चाटने का आनंद लेने बाद मैं आंटी को बोला कि आंटी कुतिया स्टाइल में आ जाओ अब मैं तुमको डॉगी स्टाइल में चोदूँगा। वो समझी नही । मैने मन ही मन सोचा इसे समझाने के बजाए डाइरेक्ट इसे पकड़कर doggy स्टाइल में लाता हु और उसके पकड़कर doggy पोजीशन में लाया और बोला ये है कुत्ती doggy स्टाइल अब समझी कुतिया। वो बोली oho ऐसा स्टाइल भी होता है लोग ना जाने क्या क्या स्टाइल में चोदते है। ज़्यादा टाइम ना खाते हुए मैं डाइरेक्ट उसके टांग को हल्का सा फैलाया और और इससे उसका चूतड़ अब साफ दिखाई दे रहा था। अब मैं अपने लण्ड के टोपे को पकड़कर सीधे उसके चुत के मुहाने पे रख उसके कमर को पकड़ा और इस तरह पोज़ एकदम सेट जो गई। अब पूरी तैयारी के साथ जोश में आके ताकत से एक जोरदार धक्का मारा। और एक ही झटके में मेरा पूरा लण्ड उसके पुदी के पूरे अंदर तक चला गया। और वो चीख पड़ी आह ! अब मैं लगातार शॉट देते जा रहा था वो मेरे धक्के खाते हुए आगे पीछे हो मेरा भी पूरा साथ दे रही थी हम पूरे मज़े लेकर एक दूसरे को धक्के मारे जा रहे थे और थप्प थप्प थप्प की आवाज़ आ रही रही । मेरे लण्ड के टट्टे भी उसके जांघो और चूतड़ पर थपेड़े मार मार के चोदे जा रहे थे। और वो मेरे से लगातार चुदवाये जा रही थी फिर वो अब झड़ने ही वाली थी कि मैंने भी अपना वीर्य भी उसके चुद में अंदर छोड़ दिये और फिर वो भी झड़ गई।और उसके चूतड़ से गाढ़ा तरल चिपचिपा तरल आ चुका था। फिर हम दोनों अब बिस्तर पे लेट गए। इस तरह हम रात 10:30 pm से चुदाई शुरू किए थे और अभी सुबह के 5:30 am हो चुका था। हमे नींद भी बहुत आ रही थी और इस तरह हम सो गए । आज का भी मुझे कोई टेंशन नही था क्योंकि उसके घरवाले 2 दिन के लिए बाहर गए थे। हम दोनो पानी पी के एक दूसरे से लिपट के गहरी नींद में सो गए।हमारी नींद जब खुली तो उस समय घड़ी में दोपहर 2 बज रहे। हम उठे और मैं जाने लगा तो आंटी बोली आज रुक जाओ। मैं घर मे फोन कर के बोल दिया कि हॉस्पिटल में एक्स्ट्रा ड्यूटी कर रहा हु। ऐसा कह कर मैं नहाने चला गया और आंटी और मैं नहा धोकर फ्रेश हो गए। मैं भी किराने से ब्रेड और दूध लेकर आ गया। और हमने चाय पी । आंटी खाना पकाने लगी और मैं tv देखने लगा। आंटी खाना लेके आई और हम खाना खाने लगे। फिर अचानक किसी ने डोर बेल बजाया। डोर बेल बजने के साथ ही मेरे मोबाइल का भी रिंगटोन बजने लगा। मेरी गांड सुख गई। और आंटी की गांड भी फट गई। क्योकि डोरबेल और मेरा मोबाइल का टोन भी एक साथ बजा।दोस्तो इसी के साथ ये मेरी कहानी “चाहत चुदाई से -राहत जुदाई से” पार्ट 2 एक जबरदस्त मोड़ लेती है। क्या हुआ होगा जब डोरबेल बजी कोंन होगा वो शख्स, किसने मुझे फोन लगाया होगा। डोरबेल और मेरे मोबाइल की रिंगटोन भी एकसाथ बजी। क्यु। क्या राज था इस घटना का। क्या हुआ होगा जब मैंने उसकी चूत में वीर्य गिरा दिया। क्या हुआ जब वो प्रेग्नेंट हुई और क्या उसने बच्चे को जन्म दिया होगा , क्या ये बात सबको पता चली होगी। या राज़ ही रह गई ये बात। दोस्तों कैसे लगी मेरी ये स्टोरी ।



Read Antarvasna sex stories for free.