दोस्तो मैने आपनी पहली कहानी बताइ के मा को कैसे नींद मे चोदा.अब उसके आगे की बात बताता हु, अगली सुबह जब मै निंद से उठा तब मैने देखा मा अभी तक सो रही थी.मेरे मन मे डर लग रहा था क्यो कि रात को मैने मा के चुत मे ही लंड का पाणी छोडा था और सूबह मा को पता चला तो ?थोडी देर बाद मा जाग गयी और मे चुपचाप अपने काम ( जैसे नहाना कपडे बदलना) लग गया. मा उठके टॉयलेट मे चली गयी मेरे मन मे डर था अब शायद रात मे छोडा हुवा पाणी अब चुत से बाहर नीकलेगा तब मा समझ जायेगी. लेकीन एसा कुछ नही हुवा मा टॉयलेट से बाहर आके बाथरुम मे नहाने चली गइ. मेरा डर अब खत्म हो गया था मै बाथरुम मे देखने बाहर गया और बाथरुम की खिडकी से छुपकेसे अंदर देखने लगा. मा ब्लाउज उतार रहा थी उसके सावले भरे हुये बडे बडे दुध उछलकर बाहर आये वो मा के पेट पर थोडे निचे की तरफ लटक रहे थे. मा के दुध के निप्पल ब्राउन कलर के करीब आधा इंच लंबे ओर गोलाइ एक इंच है.
मा ने पेटीकोट उतारा तब मा की गांड की गोलाइ देख के मेरा लंड तन के खडा हो गया. मा ने अपने बदन को गीला कीया और साबुन रगडने लगी, जैसे मा दुध को साबुन लगाके रगडती वो बोहोत उछलते मै तो देख के पागल हो रहा था.कुछ देर बाद मा चुत पे रगडने लगी शायद मा रगडके मजे ले रही थी आ आ,., की आवाज नीकाल रही थीफीर अचानक मा का ध्यान खिडकी की तरफ गया लेकीन जल्दीसे मै वहा से हट गया उसने मेरा चेहरा नही देखा था मै जल्दी से घर मे आया.
कुछ समय बाद मा बाहर आइ मा के बाल गीले थे तो उस कारन ब्लाउज भी गीला था मेरा लंड अभी भी खडा था मा मेरे तरफ शक से देखने लगी. बाथरुम मे झाकने वाला मै ही था शायद उसे यह शक हो रहा था.बादमे नश्ता कर मै जॉब पे नीकल गया.शाम को वापस आया तो मा कुछ अलग बरताव कर रही थी वो बिनवजह घुस्सा कर रही थी.मा को मैने दवाइ दी तो मा बोली ‘इस दवाइ से नींद आती है बर्तन सफाइ करने के बाद खाउंगी. ‘मैने हा मे गर्दन हीलाई ओर सोने चला गया. कुछ देर बाद अंदर आके दवाइ खाइ ओर बोली तु जरा ठीक से सोया कर मे डर गया लेकीन कुछ नही बोला और सो गया. सच तो ये है मै मा के सोने का इंतजार कर रहा था.करीब 3 घंटे बाद मा गहरी नींद मे सो गयी.
मै अब बोहोत बैखौफ था मा मेरी तरफ गांड करके सो रही थी . मैने पुरी हीम्मत से मा की साडी और पेटीकोट उपर कीया आज मैने इतना उपर कीया के मा की गांड पुरी तराह से नंगी मेरे सामने थी मे आज इतना कॉन्फिडेंट था तो मैने लाइट आँन कर दी मे अपनी पँन्ट नीकाल के नंगा हो गया. मा की गांड एक तरफ से गोलाकार सावला रंग मेरे लंड को और कडा कर रहा था. मैनै मा की एक पैर उपर उठाया और मा के चुत को चाटने लगा वो जगह जहा से मै बाहर आया इसी लीये वो मेरी सबसे पसंदीदा है .मैने चुत के आंदर जबान घुमाना शुरु किया कुछ 2/3 मीनट बाद उसमेसे चीपचिपा पाणी नीकलने लगा. उसका टेस्ट थोडा नमकीन ओर थोडा मीठा था उसमे पिशाब जैसा गंध था. मै इतना पागल हो रहा था मै उसे चुसचुस के चाटचाट के पीने लगा.
उधर मा जोर जोर से खर्राटे ले रही थी मै करीब 10 मीनट तक मा की चुत खुब पाणी पीया. अब मै मा के दुध को चुसना चाहता था. लेकीन मा साइड होकर सोइ थी मैने मा का जो पैर उठाया था वो और थोडा फैलाया और दुसरे हाथ से मा का एक हाथ उठाके उसे सीधा कीया मा का वजन जादा था तो कुछ जादा महनत करनी पडी, आखीर मा को मेने सीधा लेटा दीया मा के दुध का उपर का हीस्सा ब्लाउज से बाहर निकल रहा था. दुध बडे बडे होने के कारन ब्लाउज मे एसे फीट्ट थे जैसे थैली मे बडे बडे टरबुज उठा रखे हो. उसका सारा वजन बटन संभाल रहे मैने दुध को अपने हाथोसे उठाके ब्लाउज के बटन खोल दीये. दुध दोनो तरफ उझलके एसे बाहर आये जैसे जबरदस्तीसे बांधे हुये थे. मेने तुरंत उनको अपने दोनो हाथो से मसलने लगा ओर एक एक कर के नीप्पल चुसने लगा मै धीरे से मा के ओठो को चुमने लगा आज मुझे मा पे बोहोत जादा प्यार आ रहा था.
यह कहानी आप DesiStoryNew.com में पढ़ रहें हैं।कुछ देर बाद मै मा की चुत मे उंगली घुमाइ तो वो इतनी गीली थी के पाणी उनके गांड के हैल तक टपक रहा था जै पहले मैने पुरा चाट के सफाइ कीया था. अब मैने फीर से चाटने लगा लेकीन सीर्फ जो बाहर टपक रहा था उतनाही चाटके पी गया अब मेने मेरा लंड चुत पे रखा वैसे ही लंड अंदर फीसल गया अदर का पाणी से लंड गीला और चिपचिपा हो गा मैने पुरी गहराइतक लंड घुसाके नीकाल रहा था मेरा लंड जैसे अंदर गहराइ तक जाता मा गहरी सास लेती और बाहर नीकलता तो सास छोडती 5 मी. तक एसा ही चलता रहा फीर मैने स्पिड बढाइ ओर मा जोर जोर से खर्राटे मारने लगी.
मेरा लंड अब फव्वारा छोडना चहता था तो मैने चुत के गहराई मे लंड दबा के रखा सास फुल रही थी और जो मेरा पानी नीकलना और फवारा मारने लगा करीब 9/10 बार पीचकारी नीकली . मुठ मारते हुये झडनेपर सीर्फ 2/3 पिचकारी निकलति थी. ये तो मा के गीली चुत का कमाल था. मा की चुत मेरे पाणी से लबालब भर के पाणी बाहर नीकल रहा था ये मेर लंड को महसुस हो रहा था. मै 5 मी. तक लंड अंदर ही रखा तब चुत के अंदर अजीब सी हलचल हो रही थी. जैसे चुत की दीवारे सीकुड और फिर फैल रही थी. करीब 5/6 मी. बाद मेरा लंड अपने आप बाहर आ गया.अब बोहोत थकान महसुस हो रही थी. लंड ढीला हो गया था ओर अण्डकोशो तक चीपचीपा हो गया था.मा की चुत मे मेरे लंड के आकार का गढ्ढा सा हो गया था और उसमेसे मेरा सफेद गाढा पाणी बाहर बहते हुये फीर से उनकी गांड के छेद तक पोहोच गया था.मेने उनके चुत के उपर का हिस्से पर कीस कीया और उनकी साडी पेटीकोट निचे खिसकाके ढक दीया. लेकीन मै ब्लाउज के बटन नही लगा पाया. मा अभी भी खर्राटे ले रही थी, लेकीन अब वो इतने जोर से नही ले रही थी. मैने उनके चादर ओढा दी और लाइट बंद करके अपनी सोने की जगह जा के सो गया.
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