हेलो दोस्तो, मेरा नाम समीर ख़ान हैं और जहाँ आप यह स्टोरी पढ़ रहे हो वह! हैं (), मुझे ये साइट बहुत पसंद हैं और इसके व्यूवर्स भी, मैं यहाँ अपनी एक और हिन्दी सेक्स स्टोरीस लिख चुका हू जो हैं. (चुदाई की प्यासी एक चुड़क्कड आंटी) जिसपे मुझे बहुत मैल आए, सॉरी..
अब चुदाई की कहानी पे आते है, ये बात हैं 2010 की हैं जब मैं 18 का था. मेरी मम्मी की तबीयत बहुत खराब रहती थी तो मम्मी अक्सर पापा के साथ बाहर डॉक्टर और इधर उधर दिखाने जाती थी जो जैसा बताता वाहा चली जाती.
वो लोग जाते तो हम परेशान रहते थे खाने से क्योकि कभी कभी आते ही नही थे रिश्ते दारो के यहाँ रुक जाते थे बहुत ज़्यादा परेशानी होने लगी तो मम्मी ने अपनी बेहन से बात करके उनकी लड़की को बुलवा लिया.
वो थी गाओं की हटती कटती एक दम टाइट शरीर की भाइयो ऐसी की पहली बारी मे ही 10 इंच का ले जाए और वो थी शायद 22 साल की एक दम खतर नाक पीस रंग से भी और शरीर से भी चलो वो रहने आई हमारे साथ तो मेरी नज़र फिसलने लगी उसपे क्योकि मूठ तो मारता ही था मैं जब वो पोछा लगाती झाड़ू लगाती तो मैं उसके बूब्स देखता था 1नं माल.
इस बीच दीवाली आई तो पड़ोसी घूमने वाला पटाका जला रहे थे तो हम भी दोनो तीनो कूदने लगे तो इसी बीच मैने ग़लती से उसका बूब्स पकड़ लिया हाथ रखा था तो रखते ही बूब्स की शेप के साथ हाथ भी मेरा ऐसा ही हो गया तो उसने कुछ बोला नही और किसीने कुछ देखा नही वा! खैर एक दिन मम्मी..
मैं पापा गये कही देल्ही से दूर तो घर पर मैं..मेरा छोटा भाई और वो.कहते हैं ना जो होता हैं आछे के लिए ही होता हैं.जहाँ वो सोती थी वाहा मैं सो गया वो भी जल्दी सो गया था भाइयो ऐसा कोई इरादा नही था मेरा..
और भाई अपने कोने मे ही सोता था तो वो बीच मे सो गयी तो लगबघ रात के 2 या 3 बजा होगा तो मैने महसूस किया की मेरे लॅंड पर रहनुमा की टाँग थी और हाथ मेरे होटो पर, और वो कह रही थी कैसे सो रहे हो सही से सो दोनो.
तो मैं सुन तो रहा था लेकिन कुछ हरकत नही कर रहा था तो वो अपनी टाँग को मेरे लॅंड पर बार बार रख रही थी और हिला रही थी फिर मैने भी नींद मे उउउउन्न्न्न ह्म्म्म्मम करके अपना एक हाथ उसके होटो पे रख दिया और ऐसी अंगड़ाई ली की उसके होटो के पास हो गया.
फिर क्या था वो मेरी उंगली चूस रही थी और मैं उसकी गरम साँसे महसूस कर रहा था तो मैं इतना गरम हो गया की मैने फिर से उसके होट चूसना शुरू किए भाइयो उसके शरीर का शेप ऐसी था की क्या कहने और वो भी शुरू हो गयी वो कर रही थी ष्ससशह और मैं उसके होठ और गर्दन पर चूसे जा रहा था.
फिर मैने दूध दबाए अब यार ये क्या हैं की इनमे ही सिमट के रह जाो इतनी आछे और दूध का दाना तो इतना छोटा और बारीक था की मूह मे लेते ही ऐसा लग रहा था की इससे अछा कुछ भी नही और वो तो बस ह्म्म्म्मम आअहहाअ तू इतना कर रहा हैं क्या मुझसे इश्क़ तो नही हो गया हैं.
फिर मैने उसकी चुत मे उंगली करी एक दम गीली और वो मेरे बाल खीच रही थीआवाज़ ना वो ज़्यादा निकाल रही थी और ना मैं क्योकी भाई बराबर मे ही था फिर मैं उसे बेड से नीचे ले आया ज़मीन पर और लोवर मे से अपना लंड निकाल के उसके हाथ उसपे रख दिया तो उसने इतना सा भी नही सोचा और अपनी सलवार उतार के मुझे उपर आने का इशारा किया तो मैं तो वैसे ही डर रहा था.
क्योकि ये मेरा लाइफ मे पहला सेक्स था लेकिन जोश मे क्या नही हो जाता मैं भी चढ़ गया उसके उपर और मैने जो डाला हैं उसकी चूत मे तो पहले ही गीली थी तो आराम आराम से अंदर चला गया और बस पिघल सा गया और सोच रहा था की काश ये वक़्त यही रुक जाए इतनी गर्माहट थी उसकी चूत मे की आज भी याद करता हू तो स्माइल आ जाती हैं फेस पर.
लेकिन वो आई स्श्ह्ह्स्स आहह!! अछा लग रहा हैं तुम ये कब तक कर सकते हो ऊओह माआआ श्ह्ह्ह्ह्ह आऐईयइ रे कर ना 4से6 मिनट बाद मैं हट गया और वो भी क्योकि वो तो पता नही कब से भूकी थी तो जल्दी निकल गया और हमारा तो पहली बारी था.
और उसके बाद तो मैने उसे लगबघ हर 2दिन के बाद चोदा रात मे मुझे उठाती थी मेरे पैरो के बाल खीच कर फिर एक दिन मैने तबीयत खराब होने का नाटक किया मैं रात को ही नाटक करने लगा तो सुबह भाई घर का सारा ज़रूरी समान लाके स्कूल चला गया और मैं और वो दोनो नंगे हो गये भाई साहब ये हवस भी क्या चीज़ बनाई हैं बस बढ़ती ही जाती हैं मुझमे तो जैसे आग लगाने वाली हो मैने उसे वॉशिंग मशीन पे बिठाया जो उसकी चूत मे मूह
मारा ह्ह्ह ऐसी कड़ी की आज भी वॉशिंग मशीन का ढक्कन टूटा का टूटा ही हैं खैर अब काम न्यू से होता हैं मैं कोई टेस्ट नही देख रहा था बस मुझे जो पागल पन खाए जा रहा था वो था उसका शरीर मैने उसका टॅक निकलवा दिया लेकिन अपना मूह नि हटाया और उसने मेरी कमर पे जो नाखुऊँ मारे बाद मे पता चला फिर कुछ टाइम बाद वो मेरा चूसने को बोल रही थी.
लेकिन मैने मना किया की नही मैं तेरी चूत मे ही करूँगा मैने जो बेड पे लिटाके उसकी चूत पे रखा लॅंड का टोपा और एक ही शॉट मे अंदर और वो तो साली ऐसे चिल्लाई की कुछ टाइम के लिए मेरा लंड भी बैठ गया खैर सेक्स का मज़ा धीरे धीरे से ही आता है.
मैने इस हिन्दी सेक्स स्टोरीस मे भी ज़्यादा सेक्स पर ध्यान नही दिया हैं क्योकि मुझे स्टोरी से ज़्यादा रियल मे ध्यान लगाना अछा लगता हैं अगर मेरी कहानी अछी लगी हो तो प्लीज़ प्लीज़ मुझे रिप्लाइ ज़रूर करे मेरी मैल आईडी है