गाँव में चुदाई की सुरुवात

राजस्थान में एक गाँव के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 2 अल्हड़, जवान लड़कियाँ 18 वार्स उम्र।
बचपन की सहेलियाँ , जो आपस में पड़ोसी भी है.
वो दोनो लगभग भागती हुई सी लाला जी की दुकान पर पहुँची..
पिंकी : ”लाला जी, लालाजी , 2 कोल्ड ड्रिंक दे दो और 1 बिस्कुट का पैकेट , पैसे पापा शाम को देंगे…”
लाला जी ने नज़र भर कर दोनो को देखाउनके सामने पैदा हुई ये फूलों की कलियाँ पूरी तरह से पक चुकी थीउन दोनो ने छोटी-2 स्कर्ट के साथ – साथ कसी हुई टी शर्ट पहनी हुई थी..जिसके नीचे ब्रा भी नही थी..
उनके उठते-गिरते सीने को देखकरऔर उनकी बिना ब्रा की छातियो के पीछे से झाँक रहे नुकीले गुलाबी निप्पल्स को देखकरउन्होने अपने सूखे होंठो पर जीभ फेरी.. बुआ के घर रहने आई सेक्सी
”अरे, जो लेना है ले लो पिंकी, पैसे कौनसा भागे जा रहे है…जा , अंदर से निकाल ले कैम्पा ..”
उन्होने दुकान के पिछले हिस्से में बने एक दूसरे कमरे में रखे फ्रिज की तरफ इशारा किया..
दोनो मुस्कुराती हुई अंदर चल दी छुड़वाकर बन गयी आंटी जी की
इस बात से अंजान की उस बूढ़े लाला की भूखी नज़रें उनके थिरक रहे नितंबो को देखकर, उनकी तुलना एक दूसरे से कर रहीं हैपर उनमे भरी जवानी की चर्बी को वो सही से तोल भी नही पाए थे की उनके दिल की धड़कन रोक देने वाला दृश्य उनकी आँखो के सामने आ गया..
पिंकी ने जब झुककर फ्रीज में से बॉटल निकाली तो उसकी नन्ही सी स्कर्ट उपर खींच गयी, और उसकी बिना चड्डी की गांड लाला जी के सामने प्रकट हो गयी…
कोई और होता तो वहीं का वहीं मर जातापर लाला जी ने बचपन से ही बादाम खाए थेउनकी वजह से उनका स्ट्रॉंग दिल फ़ेल होने से बच गया.
पर साँस लेना भूल गये बेचारे …फटी आँखो से उन नंगे कुल्हो को देखकर उनका हाथ अपनी घोती में घुस गया…और रगड़ने लगे अपने लंड को जिसे वो प्यार से रामलाल कहते थे..
और अपने खड़े हो चुके रामलाल की कसावट को महसूस करके उनके शरीर का रोँया-2 खड़ा हो गया..रामलाल से निकल रहा प्रीकम उनके हाथ पर आ लगा
उन्होने झट्ट से सामने पड़े मर्तबान से 2 क्रीम रोल निकाले और उसे अपनी धोती में घुसा कर अपने लंड पर रगड़ लियाउसपर लगी क्रीम लाला जी के लंड पर चिपक गयी और लाला जी के लंड का पानी क्रीम रोल पर..
जब दोनो बाहर आई तो लाला जी ने बिस्कुट के पैकेट के साथ वो क्रीम रोल भी उन्हे थमा दिए
और बोले : “ये लो , ये स्पेशल तुम दोनो के लिए है…मेरी तरफ से ” Nice hindi kahani
दोनो उसे देखते ही खुश हो गयी, ये उनका फेवरेट जो था,
उन्होने तुरंत वो अपने हाथ में लिया और उस रोलको मुँह में ले लिया
लाला जी का तो बुरा हाल हो गयाजिस अंदाज से दोनो ने उसे मुँह में लिया थाउन्हे ऐसा लग रहा था जैसे वो उनका लंड चूस रही है.
लालाजी के लंड का प्रीकम उन्होंने अपनी जीभ से समेट कर निगल लियाउन्हे तो कुछ पता भी नही चला पर उन दोनो को अपने लंड का पानी चाटते देखकर लाला जी का मन आज कुछ करने को मचल उठा.. .
दोनो उन्हे थेंक्यु लालाजी बोलकर हिरनियों की तरह उछलती हुई बाहर निकल गयी..
लालाजी की नज़रें एक बार फिर से उनके कूल्हों पर चिपक कर रह गयी…और हाथ अपने लंड को एक बार फिर से रगड़ने लगा..
वो फुसफुसाए ‘साली….रंडिया….बिना ब्रा और कच्छी के घूम रही है….इन्हे तो चावल की बोरी पर लिटाकर रगड़ देने को मन करता है…सालियों ने सुबह -2 लंड खड़ा करवा दिया…अब तो कुछ करना ही पड़ेगा…”
इतना कहकर उन्होने जल्दी से दूकान का शटर डाउन किया और दुकान के सामने वाली गली में घुस गयेवहां रहने वाली शबाना को वो काफ़ी सालो से चोदते आ रहे थे…वो लालाजी से चुदाई करवाती और उसके बदले अपने घर का राशन उनकी दुकान से उठा लाती थी..
लालाजी की दुकान से निकलते ही पिंकी और निशि ज़ोर-2 से हँसने लगी…
पिंकी : “देखा, मैं ना कहती थी की वो ठरकी लाला आज फिर से क्रीम रोल देगा…चल अब जल्दी से शर्त के 10 रूपए निकाल”
निशि ने हंसते हुए 10 का नोट निकाल कर उसके हाथ पर रख दिया और बोली : “हाँ …हाँ ..ये ले अपने 10 रूपए …मुझे तो वैसे भी इसके बदले क्रीम रोल मिल गया है…”



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