पहले पकदम पकड़ाई और फिर चूत चुदाई

हेलो! मेरा नाम मोहित है. मैं गवलिओर का रहने वाला हूँ और मेरी उमर 21 साल है. मैं एमबीए कर रहा हूँ और मेरा जिस्म आवरेज है.. मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.
ये मेरा पहला अनुभव है.. तब मुझे सेक्स की ज़्यादा जानकारी भी नही थी, ये मेरी पहली कहानी है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. कोई ग़लती या कोई सलाह देने के लिए आप लोग मुझे मैल ज़रूर करे.
ये कहानी मेरी और अंजलि की है. अंजलि गोरी.. सुंदर.. नशीली अदाओं वाली लड़की है. जिसको देख कर कोई भी अपने आप पर काबू नही रख सकता. उसका बदन संगमरमर के जैसा 34-26-30 का है.
बात आज से 2 साल पहली की है, जब मैं अपनी बुआ जी के घर इन्दोर गया था.
बुआ जी के लड़के का बिर्थडे था. वाहा काफ़ी लोग आए थे, बुआ जी की लड़की थी सोनम, जो मेरी अछी दोस्त भी थी, मैं उसके साथ बहोत देर तक बाते करता रहा. उसके बाद वाहा उसकी एक सहेली आ गयी, सोनम ने उससे मेरा परिचय कराया, मुझे बताया की उसका नाम अंजलि है.
मैं उसे देखकर पागल सा हो गया और उसी वक्त उसके साथ चुदाई करने का मन करने लगा. मैं सोच रहा था की कैसे चोदु.
तभी वाहा सोनम का चचेरा भाई पारस आ गया और मुझसे बोला – भाई चलो पकड़ा पकड़ाय खेलते है. पहले तो मैने उसको “ना” बोल दिया, पर सोनम और अंजलि खेलने के लिए मान गये और जाने लगे, तो अंजलि बोली – आप भी चलो, अकेले यहा क्या करोंगे.
कुछ देर बाद और भी लोग हमारे साथ खेलने लगे. हम लोगो को मज़ा आने लगा, सालों बाद खेल रहे थे. कुछ देर बाद मेरी बारी थी, सबको पकड़ने की. अब इतेफ़ाक कहो या नसीब कहो, पर बार-बार अंजलि ही मेरे हाथ आ रही थी और हर बार एक ही बात बोलती – हम आपके है कोन.
पहले तो मैं सुनता रहा, कुछ नही बोलता और छोड़ देता. मेरे बाद पारस की बारी थी, मगर मेरे दिमाग़ से अंजलि जाने का नाम ही नही ले रही थी.
तो मैने फिर से मौका देख कर अकेले मे अंजलि का हाथ पकड़ लिया और फिर वो बोली – हम आपके है कोन?
मैने इस बार हाथ नही छोड़ा और एक झटके से उसे अपनी और खींचा, तो वो हाथ छुड़वाने लगी. मैं उसको कस के अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और उसके कान के पास होकर बोला – जानना नही है क्या, की हम आपके है कोन?.
तो वो जाने लगी.
मैने उसको कस के पकड़ा हुआ था. वो बोली – कोई आ जाएगा, रात को मिलना जब सब सो जाएँगे. तो मैने अपना मोबाइल नंबर उसको दिया और उसका नंबर ले लिया.
रात को जब सब सो गये, लगभग 1:30 बजे मेरे पास उसका एक मेसेज आया – गार्डन मे पूल के पास आ जाओ.
मैं जल्दी से उठा और गार्डन मे आ गया, वाहा अंजलि स्लीव लेस टॉप मे मेरा इंतेज़ार कर रही थी. मैने उसे थोड़ा सताने की सोची, मैं जान बूझकर उसके सामने नही गया, तो बार बार उसके मेसेज आने लगे. कुछ देर बाद तो उसकी कॉल्स भी आने लगी. वो बहोत गुस्से मे थी, मानो मैं सामने आ जाउ तो मुझे मार ही डालेगी.
जब मैने कॉल भी आन्सर नही की तो वो जाने लगी, के तभी अचानक मैने उसे पीछे से कस के जाकड़ लिया. वो डर गयी और पत्थर की मूर्ति की तरह खड़ी हो गयी. मैने इसकी गर्दन पर किस किया तो उसके मूह से हल्की से सिसकारी निकली और वो झटके से सीधी होकर मुझे देखने लगी और अगले ही पल वो शर्मा गयी.
लाज से उसकी नज़रे नीचे हो गयी, क्या नज़ारा था, चाँदनी रात सवीमिंग पूल के पास एक हसीना खड़ी थी. चाँद की रोशनी पानी की लहरो से रिफ्लेक्ट होकर उसके चेहरे पर आ रही थी, ये उसे और भी ज़्यादा सुंदर बना रही थी. मैने उसके चेहरे को हाथो मे लिया और उसे किस किया, वो मेरा साथ दे रही थी. मैने 10 मिनट तक किस किया और बाद मे उसकी चुचियों को टॉप के उपर से ही सहलाने लगा, तो उसके मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी.
अचानक वो मेरे सिने से लग गयी और बोली – मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा, प्लीज़ जल्दी से कुछ कर दो.
मैं बोला – क्या कर दू?
वो बोली – सब कुछ.. आहह.. तड़पाव नही.
मैने भी उसे गोद मे उठाया और पेड़ों के पीछे ले गया और उधर उसके कपड़े उतारे. उसकी मस्त रस की चुचियों को देख कर मेरा मन उन्हे चूसने के लिए मचलने लगा. मैने एक एक करके उसके दोनो संतरों को चूसा और एक हाथ से उसकी पैंटी मे डाल दिया, उसकी चुत गीली थी.
वो बोली – तीन बार पानी निकल चुका है.
मैने उसकी पैंटी उठाई और देखा उसकी चुत कुवारि चुत थी, बिल्कुल गुलाबी सी.. उसके उपर छोटे छोटे रेशमी बाल. मैने उसकी चुत को चूसना शुरू किया तो वो छटपटाने लगी और कुछ समय बाद उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया.
फिर मैने अपना लंड निकाल कर उसके हाथ मे थमा दिया, वो मेरे लंड को देखते ही रह गयी. मैने ही हल्के से लंड हिला कर आगे पीछे किया, तो वो समझ गयी और जो मैं चाहता था वो करने लगी.
फिर मैने उसे मूह मे लेने को कहा.. तो वो माना करने लगी और बोली – मुझे चोद दो.. अब इंतेज़ार नही हो रहा. तो मैने उसकी टाँगे चौड़ी करने को बोला और अपना लंड उसकी गीली चुत पर रख कर हल्के से अंदर किया, तो वो चीखने लगी.
तो मैने उसको किस किया और ज़ोर से झटका मार मेरा आधे से ज़्यादा लंड उसकी चुत मे घुसा दिया, उसकी आँखो से आँसू निकल रहे थे और चुत से खून.
मैने थोड़ा इंतेज़ार किया और इस बार एक और जोरदार झटका मारा और पूरा लॅंड उसकी चुत मे घुसा दिया.
फिर मैने झटकों की झड़ी लगा दी और फिर कुछ समय बाद मैने आपना पानी उसकी चुत मे भर दिया, इस दौरान उसने कितनी बार पानी छोड़ा मैने नही गिना पर वो बहोत खुश थी. फिर हम अपने कमरों मे चले गये.
सुबह जब मैं उठा तो सोनम और अंजलि मेरे पास मे ही थी और दोनो खुश थी. मैने सोचा कही अंजलि ने सोनम को सब कुछ बता तो नही दिया. “चूत चुदाई”
तभी अंजलि ने मुझे “गूडमॉर्निंग” कहा और सोनम मेरे लिए वाहा से चाय लेने चली गयी, तो मैने अंजलि से पूछा.. तो वो शर्मा गयी और बोली – कुछ नही बताया.
मैं खुश था और वो भी.. फिर मैं जब अपने घर जाने लगा तो बुआ जी ने कहा – तू रास्ते मे अंजलि को ड्रॉप कर देना.
मैं और खुश हो गया और अंजलि को लेकर वाहा से निकल गया. मैने अंजलि को उसके घर ड्रॉप किया और एक किस की और वाहा से निकल आया.



Read Antarvasna sex stories for free.