बॅंक क्लर्क को पटा कर चोदा

सभी दोस्तों को ऱौनित का नमस्कार, मैं आपको अपनी रियल सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ, जो आपको बहुत पसंद आएगी, मेरी नौकरी नागपुर में एक कॅशियर पोस्ट पे लगी थी, मैं अभी बस 24 साल का था और बहुत खुश था की मुझे नौकरी मिल गयी. सेक्स जोड़ी सेक्स स्टोरी हिन्दी
पर दोस्तों, जब मैं नागपुर गया तो पाया की मुझको शहर में नही बल्कि नागपुर के देहात में नौकरी मिली थी, यहाँ सब कुछ ग्रामीण था, उपर से सभी 10 वर्कर बहुत बुड्ढे बुड्ढे थे.
उनके साथ काम करने में बिल्कुल मज़ा नही आता था, क्योंकी वो सब बुड्ढे हमेशा बड़े सीरीयस रहते थे, कभी ग़लती से भी हसी मज़ाक नही करते थे, 2 महीने नौकरी के बीते तो मुझे लगा की मैं यहाँ 10 साल से काम कर रहा हूँ.
नौकरी मिलने के वक्त मैं जितना खुश था, वो खुशी सब छु मंतर हो गयी, पर दोस्तों, नौकरी तो नौकरी होती है, जब आप नौकर बन गए तो आपकी मर्ज़ी तो चलती नही है, यही सोचके मैं मन बेमन से नौकरी करने लगा.
कुछ 4 महीने बाद मुझे बॅंक का काम दे दिया गया जो सबी के बॅंक के ब्रांच में कॅश जमा करना चेक लाना लेजाने का काम दिया गया जहाँ एक मस्त लड़की दीपिका थी, उसको देखते ही मेरे तो मानो भाग ही जाग गए दोस्तों, हर जवान लड़का चाहता है की काश ऑफीस में अगर उसके साथ कोई मस्त लौंडिया काम करे, जिस दिन मैं पहली बार दीपिका को देखा तो पूरे दिन उसी के बारे में सोचता रह गया.
लक की बात उसके ब्रांच में और कोई जवान लड़का था नही, मैं डेली 2 बार बॅंक जाता था तो 1 वीक में ही हम दोनो की खूब पटने लगी, अब जाकर मुझे उस नागपुर ऑफीस मे काम करने में मज़ा आ रहा था, मैने सोच लिया था किसी भी तरह दीपिका को पटा लूँगा, तो चूत का इंतज़ाम भी हो जाएगा, पर दीपिका बड़े सभ्या घाराने से थी.
आज कल की शहर की चुदक्कड लड़कियो जैसे नही थी, जिसको 2 4 बार घूमाओ और चोद लो, पर मैने भी हार नही मानी, और दोस्तों 4 महीने की मेहनत के बाद आख़िर मैने दीपिका को पटा ही लिया, मैं तो उसे कबसे चोदने को बेक़रार था, पर कैसे कहता की मैं तुमको चोदने पेलने के लिए ही पटा रहा हूँ.
फिर मैं एक दिन ऐसे ही अचानक दीपिका से कहा
ओये दीपिका!! आज डोगी? मैने उसे एक दिन पूछ लिया हिम्मत करके
फिर उसने कहा पहले मुझसे शादी करो!! तभी कुछ मिलेगा
धत तेरी की! लौंडिया तो बड़ी चालू निकल गयी.
उसपे मैने कहा मैं बहुत ग़रीब हूँ, अभी 2 3 साल तो मैं अपने घर वालों को पैसा दूँगा, अपनी एक जवान बहन की शादी करूँगा, फिर तुमसे शादी करूँगा, पर दीपिका मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, चाहे जो भी हो जाए, मैं तुमसे ही शादी करूँगा!! मैने दीपिका की आँखों में देखते हुए आत्मविश्वास से कहा और उसका हाथ चूम लिया.
मैं एमरान हाशमी को अपना आदर्श मानता हू तो मैं इस चालू आइटम से फ्लर्ट कर रहा था, जिस तरह एमरान हाशमी तरह तरह की बातें बनाकर लौडियो की चूत की सील खोल देता है, उसी तरह मैं दीपिका को लाइन दे रहा था.
ओके जानू!! , उसको पूरा विश्वास हो चला की मैं उससे सच्चा प्यार करता हूँ, मैं जान गया की अब लौंडिया मुझे चूत देगी.
शाम में मेरे कमरे पर आओ ! वो बोली
दोस्तों, मेरी तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी, दिल हुआ की अपने सभी दोस्तों को फ़ोन या व्ट्सॅप करके बता दू की आज करीब 1 साल बाद एक नई चूत का इंतज़ाम हो गया है, पर फिर सोचा की ज़्यादा खुश होना उचित नही है, क्या पता मामला बिगड़ जाए.
शाम 5 बजे हम दोनो की छुट्टी हो गयी, चलते वक्त दीपिका ने मुझे आँख मारी, तो मैं समझ गया की मामला सेट है, आज इसकी चूत मिल जाएगी, शाम को मैं जब घर गया तो मैने दाढ़ी बनाईं.
साथ ही अपनी झाँटे भी आछे से बनाई, गर्म पानी से नाहया, न्यू धुले सॉफ कपड़े पहने और फॉग का पर्फ्यूम लगाया, मैं ऋतिक रोशन जैसा चमक रहा था, मैने अपनी बाइक स्टार्ट की और दीपिका के घर जा पंहुचा, सीधा उसके कमरे में चला गया.
वो किराए के मकान में रहती थी, दीपिका ने मुझे देखा तो मुस्कुरा दी, उसने दरवाजा आछे से बंद कर दिया, दीपिका ने लाल रंग की एक मस्त मैक्सी पहन रखी थी, जैसे ही मैने उसको पकड़ना चाहा वो पीछे 2 कदम हट गयी, पर मैं भी लपक के उसको पकड़ लिया, वो शर्म से पानी पानी हो गयी.
लाल मैक्सी में उसके बड़े बड़े नारियल जैसे गोल गोल माम्मो को मैं ताड़ने लगा, हम दोनो सोफा पर आ गए, शुरू में कुछ हल चल हुआ, फिर हम वासना के अधीन हो गए.
मैने बिना वक्त बर्बाद किए उसके स्ट्रॉबेरी जैसे गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिया और उसके आधारों का रसपान करने लगा, दीपिका का शायद किसी लड़के से ये प्रथम चुंबन था.
वो शर्म कर रही थी और भागने का प्रयास कर रही थी, पर दोस्तों उसकी एक ना चली, मैने उसको सोफे पर लिटा दिया और खुद भी उसके उपर लेट गया, मैने उसके दोनों हाथों को कसके पकड़ रखा था, जिससे वो मेरा विरोध ना कर सके.
मैं आँखे खोलकर उसके खूबसूरत होंठों का रसपान कर रहा था, जबकि उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी, उसके सासों की महक मेरी नाक में जा रही थी, कुछ देर बाद हम दोनों गर्म होने लगे और चुदास और चोदन की और अग्रसर होने लगे, मेरा हाथ स्वतः उसके उरजों पर चले गए.
मैं कब दीपिका के मस्त रसीले मम्मो को सहलाने और दबाने लगा मुझे भी नही पता लगा, दीपिका ने मेरी उम्र की थी, वो भी 24 25 की थी, और मेरी तरह ही वो भी नई नई जवान माल बनी थी.
वो भी मेरी तरह चुदासी थी, इसलिए उसने मेरी किसी भी हरकत का विरोध ना किया, मैं धीरे धीरे उसके मम्मे सहलाता और दबाता चला गया, अपनी तरफ से वो पूरा सहयोग कर रही थी.
मेरा एक हाथ दीपिका की मॅक्सी में नीचे पैर के पास चला गया, मैने यूही उसकी मॅक्सी हल्की सी उपर उठाई दोस्तों, मुझपे तो बिजली ही गिर गयी, इतनी सुंदर मुलायम और चिकने पैर लड़कियों के होते है ये मुझको आज मालूम पड़ा.
1 जोड़ी सुंदर पाँव और उनकी गोल मटोल 10 उंगलियाँ, मेरा तो माता ही घूम गया, मैने सबकुछ छोड़ के दीपिका के खूबसूरत पाओं को चूम लिया, उसकी मैक्सी मैने और उपर उठा दी, उसकी टांगे बड़ी ही चिकनी चमकदार और गोरी थी.
मैने उसकी दोनों टाँगों को बारी बारी कई बार चूमा, दीपिका मुझे रोकने लगी, मैं चूत का भूखा कहाँ रुकने वाला था, मैने उसका लाल मैक्सी घुटने तक उठा दी, दीपिका के होश उड़ गए.
वो शर्म हया से मरी जा रही थी. दीपिका! इतनी हया करोगी तो कैसे चुदवाओन्गि?? मैने उसके कान में फुसफुसाकर कामुक अंदाज में कहा, बड़ी मुश्किल से उसने अपने दोनों हाथ हटाए और मुझे घुटने तक पहुचने दिया.
उसके घुटने भी दूधिया गोरे रंग के थे, मैने कुछ देर उसके रूप को निहारा और फिर दोनों घुटनों को चूम लिया, दीपिका की चूत की खुशबू मेरी नाक के नातूनों में आने लगी, जब टांगे, पैर इतने खूबसूरत है तो इन सब अंगों की रानी दीपिका की चूत कैसी होगी?? मैं मन ही मन सोचने लगा.
फिर मैने उसकी लाल मैक्सी को घुटनों के उपर तक उठा दिया, दीपिका जैसी मस्त माल की गदराई जाँघो के दर्शन हुए तो लगा की खुदा मिलने वाला है, उसकी जांघे खूब गोल गोल मांसल गदराई हुई थी, सफेद बादल जैसी गोरी जांघे सी इस माल दीपिका की, मैं पिछले 1 साल से दीपिका को पूरे कपड़ों में ही देखा था, कभी सोचा नहीं था की वो अंदर से इतनी गजब की माल होगी.
दोस्तों, मैं 15 मिनट तक उसकी गोरी मस्त जाँघो का सेवन किया, सब चूमा चाटा, आख़िर मैने दीपिका की लाल मैक्सी को कमरे से उपर उठा दिया, उसने गुलाबी रंग की डिजाइन वाली पैंटी पहन रखी थी, जिस पर मिकी माउस जैसे कार्टून बने हुए थे.
मैने तुरंत उसकी पैंटी में अपनी दोनों हाथों की उंगलियाँ फसाई और नीचे खींच दी, अचानक से परदा हट गया और जिस चीज़ को देखने को मैं बेताब था, और मरा जा रहा था आख़िर वो चीज़ मिल गयी.
दीपिका जैसी मस्त माल की चूत के दर्शन हो गए, फिर उसने कहा नही रौनित !! आज नही, फिर कभी कर लेना !! नही रौनित आज नही !! दीपिका दोनो हाथों से अपनी बुर को छिपाने लगी, पर मैं चंडाल कहाँ सुनने वाला था.
मैने खिच कर उसकी पैंटी निकाल दी, दीपिका के भोसड़े को मैं पीने लगा, जिस छोटी सी चूत को देखने के लिए मैं बेक़रार था, आज वो मेरे सामने थी, मैने दीपिका की एक नही सुनी और उसकी कमर को मैं मजबूती से पकड़ लिया और उसकी बुर पीने लगा.
दोस्तों, दीपिका कुँवारी थी और बिल्कुल फ्रेश माल थी, उसने शायद पिछली रात ही अपनी झाँटे बनाईं होंगी, क्यूंकी उसकी चूत बड़ी चिकनी चमेली जैसी थी, मैं चाह कर भी अपनी नज़रे उसकी चूत से नही हटा पा रहा था.
मैं तो बिलकुल मरा जा रहा था और अपनी जीभ लपलपाकर उसकी बुर पी रहा था, दीपिका आ आहा मान ओह मान !! मान चिल्ला रही थी, मैने उसकी एक नही सुनी उसकी बुर पिता रहा, मेरा लॉडा तो जैसे क़ुतुब मीनार जैसा सीधा खड़ा हो गया था.
मैने करीब 20 मिनट तो बस दीपिका की नशीली चूत का सेवन किया और आँखे बंद करके पिता रहा. फ्रेंड्स, उसके बाद मैने अपने कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया, मैने अपनी शॅंडो बनियान भी निकाल दी, उधर मैने दीपिका की लाल मैक्सी भी निकाल दी.
उसकी ब्रा भी निकाल दी, उसकी पैंटी तो मैं बहुत पहले ही निकाल चूका था, दीपिका अब इतनी गर्म हो गयी थी की उसका बदन जल रहा था. दीपिका बेबी!! तुमको बुखार है क्या ?? मैने पूछा नही हर लड़की का बदन इसी तरह जलने लग जाता है जब वो चुदासी हो जाती है !! दीपिका ने धीरे से कहा, अब जाकर मैं समझ पाया.
अब दीपिका ने विरोध करना बंद कर दिया था, क्यूंकी कहीं ना कहीं वो भी मेरा लॅंड खाना चाहती थी, मैने उसकी दोनों गदराई दूधिया टाँगों को खोल दिया, दीपिका की चिकनी चमेली कमर के ऊपर आ गयी और मेरे सामने आ गयी.
अब मुझको और सुनहरा मौका मिल गया, मैं मस्ती से हापर हापर करके उसकी बुर का सेवन करने लगा, दीपिका गर्म गर्म आहे भरने लगी, ओह मान !! ओह मान करके गर्म सिसकारी लेने लगी, मैने आँख मूंद कर उसकी बुर पिता गया.
कुछ देर बाद दीपिका की चूत नम हो गयी और बहने लगी, मैं जान गया की लौंडिया को चोदने का सही वक्त आ गया है, मैं अपने लॅंड पर 2 4 बार मूठ देकर लॅंड पर ताव दिया, मेरा लॅंड क़ुतुब मीनार जैसा सीधा और खड़ा हो गया, मैने लॉडा दीपिका के भोसड़े के दरवाजे पर लगा दिया और ज़ोर का धक्का मारा, लॅंड उसकी सील तोड़ते हुए अंदर घुस गया, वो बिन पानी की मछली जैसी छटपटाने लगी.
मैने एक धक्का और मारा और मेरा 8 इंच का मोटा लॅंड दीपिका की बुर की गहराई नापने लगा, उसको बहुत दर्द हो रहा था, मैं रुक गया और उसके मूह पर अपना मूह रख दिया, कुछ मिनट बाद मैने उसको पेलना शुरू किया, उसको दर्द होता रहा, पर मैं धीरे धीरे उसको पेलता रहा, आधे घंटे बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो ज़ोर से दीपिका को चोदने लगा, कुछ देर बाद उसकी बुर का रास्ता खुल गया, उसकी चूत रवाँ हो गयी, अब मैं कमर मटका मटका के दीपिका की चूत मारने लगा.
दोस्तों, 20 25 मिनट तक मैने उसको चोदा और उसकी बुर में ही झड़ गया, दोनों ने करीब 1 घंटे तक आराम किया, मैने उसको सिने से लगा लिया. ‘रौनित !! आज तुमने चोद चोद के मुझको औरत बना दिया! दीपिका बोली, संडे को मैं फिर से दीपिका के घर पर था.
मैने कहा ‘ए दीपिका!! चूत दे ना! वो हँसने लगी, मैं उसे पकड़ लिया और दबोच लिया, फिर धीरे धीरे मैं उसका सलवार कमीज़ निकाल दिया, सनडे वाले दिन दीपिका घर में रहती थी और सलवार सूट पहनती थी.
मैने एक एक करके उसका सलवार सूट निकाल दिया, उसे नंगा कर लिया, दोस्तों, मैं तो मैं उसके मम्मे पिता रहा, फिर उनकी फुददी पर आ गया, लंबी सी चूत की फाँक मुझको दिखाई दी, मैने होंठ लगाकर दीपिका की चूत पीने लगा, अपनी खुदरी जीभ से दीपिका की नर्म चूत मैं पीने लगा, ये बहुत मजेदार था, दीपिका की फुददी [चूत] बहुत ही खूबसूरत थी, मैने जेब से फ़ोन निकाला और दीपिका की चूत की कई तस्वीर ले ली, बहुत सुंदर गुलाबी चूत थी दोस्तों.
मैं मज़े से उसकी चूत पी रहा था, हल्का अदरक जैसा कसैला स्वाद था दीपिका के भोसड़े का. जिस चूत को मैं मारने के लिए कबसे बेचैन था, आज दूसरी बार वो चूत मेरे सामने थी.
मैं दीपिका के चूत के दाने को आछे से पी रहा था, उसके मूतने वाले छेद पर भी लगान से मैं जीभ घुमा घुमाके पी रहा था, जिससे उसे ज़्यादा से ज़्यादा यौन उतेज्जाना हो और वो कस के उछाल उछाल के चुदवाये, कुछ देर में दीपिका को बड़ी ज़ोर की चुदास लगी, उसका मुँह अपने आप खुल गया.
वो गर्म गर्म सिसकारी लेने लगी, मुँह से गर्म गर्म हवा छोड़ने लगी, मैं समझ गया की यही सही समय है इसको चोदने का, मैं तुरंत अपना बड़ा सा लॉडा दीपिका के लाल लाल भोसड़े में डाल दिया और उसको कूटने लगा, दीपिका मज़े लेने लगी, मैं भी मज़े मार मार कर उसे चोदने लगा.
दोस्तों, दीपिका की चूत बहुत गर्म थी, लग रहा था मैं किसी आग के कटोरे में लॉडा दे दिया हो, मैं ज़ोर ज़ोर से हचक हचक के उसे चोदने लगा, मेरे मोटे लॅंड की रगड़ से दीपका की चूत की दीवारें सफेद छिपचिपा मक्खन छोड़ने लगी जो मेरे लॅंड पर लगने लगा, इससे मेरा लॅंड आराम से उसकी चूत में फिसलने लगा, अब मैं सात सात करके उसे चोद रहा था.
मुझे अपना फीडबॅक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दौर देसीकाहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.
मैं नीचे देखा तो मेरा लॅंड उसकी चूत को आछे से मज़ा दे रहा था, मैने बड़ी देर तक दीपिका को नंगा करके चोदा, पर फिर भी नही छोड़ा, मैने लॅंड दीपिका की चूत से निकाल लिया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा, मेरे ज़ोर ज़ोर से चूत फेटने से दीपिका की मा चुद गयी, उसकी चूत में आग लग गयी, जैसे उसकी चूत में भूचाल आ गया, बवंडर उठ गया, दीपिका बड़ी उचाई तक अपनी कमर उठाने लगी.
ये देख कर मुझे और ज़्यादा चुदास चढ़ गयी, और मैने अपनी हाथ की ऊँगली और भी ज़्यादा तेज तेज दीपका के भोसड़े में देने लगा और चूत फाड़ने लगा, अंदर उसकी चूत के अंदर उपर की और दीपका का जी स्पॉट था, मैं बार बार वो सहलाने लगा, ज़ोर ज़ोर से उसपर ऊँगली सहलाने लगा.
कुछ देर बाद दीपिका ने अपनी चूत से गर्म गर्म गाढ़ा सफेद मक्खन छोड़ दिया, मैं दीपिका के लाल भोसड़े पर मुँह रख दिया और सारा मख्खन पी गया, उसके बाद फिर मैने उसको 40 मिनिट चोदा.



Read Antarvasna sex stories for free.