नौकरी बचाने के लिए चुड गई मई

मेरा नाम राधिका गुप्ता है, मैं चण्डीगढ़ की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 25 साल की है। मैं एक नामी एयरलाइन्स में ऐयर होस्टेस के तौर पर काम करती हूं। मुझे अपना पेशा इसलिए बताना पड़ रहा है क्योंकि मेरी कहानी भी मेरे पेशे से ही जुड़ी हुई है। एयरहोस्टेस बनने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। मुझे पहले अपनी फिगर को सुडौल बनाना पड़ा। फिर अपनी रंगत में निखार लाना पड़ा। उसके बाद मैंने एक इंस्टीट्यूट से एयर होस्टेस का कोर्स भी किया। जैसे-तैसे करके मुझे यह नौकरी मिल गई लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये पेशा मेरा पेशा ही बदलकर रख देगा। मैंने तीन साल तक एक छोटी एयरलाइन में काम किया और उसके बाद मुझे बड़ी एयरलाइन में अप्लाई करना था। इसके लिए मुझे काफी कुछ दांव पर लगाना पड़ा या यूं कहें कि मुझे अपना मनचाहा मुकाम हासिल करने के लिए खुद को बेचना तक पड़ गया। https://desistories.cc/ मेरी इस कहानी में मैं आपको बताने जा रही हूं कि मेरी नौकरी ने कैसे मेरी जिंदगी बदल दी। मैं उस वक्त 23 साल की थी और मुझे कंपनी में काम करते हुए एक साल ही बीता था। मुझे नहीं पता था कि बाहर से चमचमाती यह फील्ड अंदर से चूल्हा है जिसकी कालिख मेरे चरित्र पर भी लग गई।बात है अप्रैल 2012 की। मैं रोज़ की तरह अपनी ड्यूटी पर थी। मेरी शिफ्ट नाइट में चल रही थी उस वक्त। मेरी शिफ्ट की पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी जो दिल्ली से मुंबई जा रही थी। उस वक्त मैं दिल्ली में ही रुम लेकर रह रही थी। तो हुआ यूं की फ्लाइट रात की थी। मैं कस्टमर की कॉल पर उनकी सहायता करने के लिए गई।
मैंने सीट पर जाकर देखा तो एक 40-45 साल का व्यक्ति बैठा हुआ था। मैंने उसके पास जाकर पूछा- मैं आपकी क्या सहायता कर सकती हूं सर… उसने मुझे ऊपर से नीचे तक गौर से देखा। वो मेरी छाती की तरफ घूर रहा था। मैं समझ तो गई थी कि ये ठरकी इंसान है लेकिन मेरी ड्यूटी थी कि ऐसा कुछ बर्ताव कस्टमर के साथ न करूं जिससे मेरी नौकरी पर मुसीबत आ पड़े।मैंने फिर पूछा- आप कुछ लेंगे सर, मैं आपकी किस प्रकार सहायता कर सकती हूं।उसने कहा- मुझे एक कप गर्म कॉफी चाहिए।मैंने कहा- जी सर। थोड़ा इंतज़ार कीजिए मैं भिजवा देती हूं।कहकर मैं वापस चली गई। कॉफी लेकर मैं पहुंची तो उसकी टेबल पर रखते हुए मैंने देखा कि जैसे ही मैं झुकी वो मेरी छाती में झांकने की कोशिश कर रहा था। मैं कॉफी रखकर उससे पूछने लगी- आपको किसी और चीज़ की जरूरत हो तो हम आपकी सेवा में हाज़िर हैं। उसने कहा- थैंक यू।मैं जान गई थी कि ये निहायती ठरकी किस्म का इंसान है। 10 मिनट बाद मेरे पास दोबारा कॉल आती है। और मेरी किस्मत भी ऐसी कि उसी ठरकी की कॉल पर मुझे दोबारा जाना पड़ा। मैंने पूछा- जी सर, मैं आपकी किस प्रकार सहायता कर सकती हूं। उसने कहा- मुझे एक गिलास ठंडा पानी चाहिए। मैंने सोचा-अजीब पागल इंसान है। अभी तो गर्म कॉफी पी रहा था अब ठंडा पानी मांग रहा है।
मैंने कहा- जी सर, मैं अभी लेकर आती हूं। मैंने कॉफी के कप वाली ट्रे उठा ली और पानी लेने के लिए वापस चली गई। मैंने देखा कि कॉफी के कप के नीचे ट्रे में एक कागज़् की स्लिप रखी हुई है। उस पर किसी का नाम और नम्बर लिखा था। और पीछे लिखा हुआ था(डैश एयरलाइन्स) यहां पर मैं कंपनी का नाम नहीं बता सकती हूं। इसलिये डैश का प्रयोग करना पड़ रहा है। मैंने स्लिप देखी तो मैंने सोचा कि ये आदमी मेरे काम का हो सकता है। वैसे भी मैं इस कंपनी के साथ काम करके तंग आ चुकी थी। मैंने सोचा कि किस्मत बार-बार दरवाज़ा नहीं खटखटाती। इसलिए मैंने सोचा कि एक बार इस नम्बर पर बात करके तो देखी जाए कि आखिर माज़रा क्या है। इसने मुझे किस पर्पज़ से नम्बर दिया है। मैंने घर जाकर अपने पर्सनल नम्बर से उस नम्बर पर फोन किया जो उस व्यक्ति ने मुझे दिया था। बात करने पर पता लगा कि वह उसी ठरकी का नम्बर था।उसने अपना नाम अभिजीत बताया। वो एक बड़ी एयरलाइन्स में एक बड़े ओहदे पर था। मैंने सोचा कि मेरा काम यहां पर बन सकता है। मैंने उससे मीठी-मीठी बातें करना शुरु कर दिया।वो बोला- राधिका तुम मुझे खुश कर दो मैं तुम्हें आसमान की ऊंचाइयों पर पहुंचा दूंगा। मैंने कहा- जी सर। बताइये मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूं। उसने कहा- मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहता हूं जब तुम ड़्यूटी पर न हो। https://desistories.cc/मैंने कहा- ठीक है, मैं दिल्ली में रहती हूं। मैं आपको बता दूंगी कि मेरा ऑफ किस दिन रहेगा। वो बोला- मैं तुमसे होटल में मिलना चाहता हूं। मैंने कहा- जैसी आपकी मर्जी, मैं आपके बताए हुए होटल में पहुंच जाउंगी।
उसने कहा-ठीक है। मैं तुम्हारे फोन का इंतजार करुंगा। कहकर उसने फोन डिसकनेक्ट कर दिया। जिस दिन मेरी छुट्टी थी उससे एक दिन पहले मैंने उस अजनबी को फोन किया कि आप चाहें तो मैं आपसे कल मिलने आ सकती हूं। तो उसने दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल का नाम बताया। मैंने कहा- ठीक है सर। मैं होटल पहुंचकर आपको फोन करती हूं।मैंने अगले दिन होटल में जाकर रिसेप्शन पर पूछा तो वहां से मुझे एक रुम नम्बर बताया गया। मैंने कमरे पर जाकर बेल बजाई तो वही इन्सान जो मुझे फ्लाइट में मिला था, वहां मौजूद था। उसने मुझे अंदर बुला लिया। मैंने सोचा कि इसने मुझे अपनी ठरक मिटाने के लिए यहां पर बुलाया है। उसने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा। लेकिन मैं बेड की बजाए पास में रखे सिंगल सोफे पर बैठ गई। वो बोला- तुम रूको मैं एक फोन कॉल करके आता हूं। मैंने सोचा अब ये क्या नया नाटक है। मुझे यहां बुला लिया और अब खुद गायब हो गया। खैर मेरे पास इंतज़ार करने के अलावा औऱ कोई चारा ही नहीं था। इसलिए मैंने इंतजा़र करना ही बेहतर समझा। 5 मिनट बाद वो शख्स जिसने अपना नाम अभिजीत बताया था फिर से रुम में दाखिल हुआ। उसने कहा- देखो मिस राधिका, मुझे नहीं पता आप मेरे बारे में क्या सोच रही हैं लेकिन अगर आप मेरी बात मानेंगी तो मैं आपसे वादा करता हूं कि आपकी लाइफ बन जाएगी।मैंने कहा- सर, वो सब तो ठीक है लेकिन बात क्या है। मैं अभी तक समझ नहीं पाई। उसने कहा- जल्दी ही सब समझ में आ जाएगा। तुम रुम नम्बर 714 में चली जाओ। मैंने कहा- ठीक है। लेकिन वहां जाकर मुझे करना क्या है।वो बोला- तुम जाओगी तो तुम्हें खुद पता लग जाएगा कि तुम्हें क्या करना है। मैंने कहा -ठीक है सर।वो बोला- ऑल द बेस्ट।मैं उठकर बाहर निकल गई। मैंने नम्बर प्लेट पर देखा तो 710 लिखा हुआ था। मैं आगे देखा तो 711 नम्बर था। मैं समझ गई कि 714 नम्बर आगे ही है। मैंने उस कमरे के सामने जाकर बेल बजाई तो दरवाजा खोल दिया गया। अंदर से एक लड़की बाहर आई। उसने कहा- आप मिस राधिका हैं…?मैंने कहा- हां…
वो बोली- ठीक है, आप अंदर जाइए। कहकर वो बाहर चली गई और मैं कमरे में दाखिल हुई। जैसे ही मैं अंदर दाखिल हुई बेड पर एक 28-29 साल का हैंडसम सा दिखने वाला लड़का लेटा हुआ था। उसने एक बहुत ही महंगा दिखने वाला ग्रे सूट पहना हुआ था। उसके पैरों में सफेद सॉक्स थीं। मुझे देखकर उसने कहा- आओ मिस राधिका।मैंने कहा- आप मुझे कैसे जानते हैं।वो बोला- मैं तुम्हारे बारे में सब जानता हूं। मैं हैरान थी।वो बोला- इतनी हैरान होने की बात नहीं है। अभिजीत ने ही मुझे तुम्हारे बारे में बताया था।मैंने पूछा- लेकिन आप कौन हैं…?वो बोला- ये तु्म्हारे मतलब की बात नहीं है।तुम बस इतना जान लो कि आज रात तुम्हें मेरे साथ बितानी है। और अगर तुम मुझे खुश करने में कामयाब हो गईं तो मैं तुम्हें उन उचाइयों पर पहुंचा दूंगा जिसके बारे में तुमने कभी सोचा भी नहीं होगा। ये सब कहते हुए वो अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड पर हाथ फिरा रहा था। मैं समझ गई कि यहां पर क्या होने वाला है।मैंने कहा- और अगर मैं ना कह दूं तो…वो बोला- फिर तुम्हें अपनी नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है।मैंने सोचा, ये जरूर कोई पहुंची हुई हस्ती है। इससे पंगा लेना ठीक नहीं है। मैंने बात बदलते हुए कहा- कोई बात नहीं सर, जब आ ही गई हूं तो आपको खुश करके ही जाउंगी।उसने कहा तो जैसे-जैसे मैं कहता जाउं तुम वैसे करती रहो।मैंने कहा ठीक है।वो बोला- सबसे पहले तुम अपनी आंखें बंद कर लो।मैंने आंखें बंद कर ली। उसके बाद उसने कहा कि अपना टॉप उतार दो। मैंने टॉप उतार दिया। अब मैं केवल ब्रा में खड़ी थी।उसने कहा- अपनी स्कर्ट भी उतार दो।मैंने स्कर्ट उतार दी। अब मैं केवल पैंटी में थी।उसका अगला हुक्म था- अपनी ब्रा भी उतार दो।मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी। और उसके सामने आंखें बंद किए नंगी चूचियों के साथ खड़ी हुई थी। उसने कहा-अब अपनी पैंटी भी उतार दो। मैंने अगले फरमान के साथ पैंटी भी उतार दी। मैं डर भी रही थी कि ये आखिर करने क्या वाला है मेरे साथ।
उसके बाद उसने कहा- अब धीरे-धीरे आगे बढ़ो।मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी। मैं नंगी ही उसकी तरफ बढ़ी जा रही थी। चार कदम चलने के बाद मेरा पांव बेड से टकरा गया और मैं बेड पर गिर गई। गिरते ही मेरे हाथ उसके नंगे पैरों पर जा लगे। उसने कहा- आंखें बंद ही रखना। मैंने वैसा ही किया।उसने कहा- अपने हाथों को मेरी टांगों पर ऊपर की ओर बढ़ाते हुए मेरे पास आओ।मैं उसकी टांगों पर हाथ फिराती हुई उसकी तरफ बढ़ी और बढ़ते-बढ़ते मेरे हाथ उसके आंडों पर पहुंच गए। वो नंगा लेटा हुआ था। मैं सहम सी गई। और हाथ हटा लिए। उसने कहा- रूको मत। हाथ वहीं पर लेकर आओ। मैंने फिर से उसकी जांघों पर हाथ रखते हुए ऊपर की तरफ बढ़ना शुरु किया तो उसने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया। और मेरी गर्दन पकड़ कर मेरे मुंह को नीचे की तरफ खींचा और मेरे होंठ उसके लंड से जा लगे। उसने कहा- मुंह खोलो। hindipornstories.comमैंने मुंह खोला तो उसने मेरे मुंह में अपना लंड दे दिया। और बोला- सक करो इसे। मैं उसके लंड को चूसने लगी। अभी तक मैं ये सब अपनी मर्जी से नहीं कर रही थी। 2-3 मिनट बाद उसकी कामुक सिसकियां निकलनी शुरु हो गईं। “ हूँउउउ……हूँउउउ….. हूँउउउ …..ऊ…..ऊँ……ऊँ…… सी….सी….सी….सी….. हा हा ह ओ हो ह……” करता हुआ वो अपना लंड मुझसे चुसवाने लगा। धीरे-धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा। उसने कहा- और तेज़ चूसो राधिका।मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई। और वो अपने हाथों से मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड पर धकेलने लगा। 5 मिनट तक मैंने इसी स्पी़ड से उसके लंड को चूसा। उसके बाद उसने मुझे घुटनों के बल बैठने को कहा। वो खड़ा होकर मेरे मुंह को चोदने लगा। मुझे उल्टी सी आने लगी। उसका लंड मेरे गले में जाकर टकरा रहा था। उसने मेरे गाल पर धीरे से तमाचा मारा। बोला- सही ढंग से चूसो। मैं चुपचाप उसके लंड को गले तक उतारने लगी। उसके बाद उसने मुझे घोड़़ी की पोजिशन में आने को कहा तो मैं घुटनों के बल होकर घोड़ी बन गई। उसने पीछे से मेरी चूत में उंगली करनी शुरु कर दी। मैं उचक गई। अगले ही पल उसने दो उंगलियां डाल दीं, फिर तीन और फिर चार…वो चारों उंगलियों को मेरी चूत में अंदर बाहर करने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा।
उसके बाद उसने एकदम से खड़ा होकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदने लगा। मैं भी उसके लंड से चुदाई का मज़ा लेने लगी। हम दोनों के मुंह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं। “आआआअह्हह्हह……..ईईईईईईई…….ओह्ह्ह्…….आहहहहहह……म्म्म्म्म्म्….” करते हुए वो मेरी चूत को चोद रहा था और मैं उसके लंड से चुदी जा रही थी। धीरे-धीरे उसकी स्पीड बढ़ने लगी। वो किसी जानवर की तरह मेरी चूत को रौंदने लगा। मैं भी आनंदित हो रही थी। वो दोनों हाथों से मेरी चूचियों को पकड़े हुए मेरी चूत में लंड डालकर मेरी पीठ पर झुककर मुझे मज़े से चोद रहा था।लगभग 20 मिनट तक उसने मुझे इसी पोजिशन में जमकर चोदा और वो मेरी चूत के अंदर ही झड़कर एक तरफ बिस्तर पर गिर गया। मैंने आंखें खोलकर देखा तो वो बिस्तर पर पड़ा हुआ हांफ रहा था। उसने कहा- राधिका तुम्हारी चूत तो बहुत मस्त है। अभिजीत से कहना कि मेरा काम हो गया है। अब तुम जा सकती हो। मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और कमरे से बाहर आकर अभिजीत के रुम में चली गई। यहां से शुरु हो गई मेरी चूत चुदाई की कहानी। मेरी चूत ने मुझे कहां पहुंचा दिया इसके बारे में फिर कभी बताउंगी। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना…



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